नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की गुरुवार देर रात मौत के बाद सियासत गर्मा गई है। परिजनों की ओर से दी गई सूचना के अनुसार, परिवार का गाजीपुर जिले के काली बाग में पारिवारिक कब्रिस्तान में मुख्तार को सुपुर्द-ए-खाक करने की तैयारी की जा रही है। मुख्तार के परिजन उनकी जेल में मौत को हत्या बता रहे हैं। मुख्तार के शव का पोस्टमॉर्टम शुरू हो गया है। पांच सदस्यीय डाक्टरों की टीम पोस्टमॉर्टम कर रही है।
ग़ाज़ीपुर की डीएम आर्यका अखौरी का कहना है, “सारी व्यवस्थाएं कर ली गई हैं, फोर्स की तैनाती और मजिस्ट्रेट की तैनाती कर दी गई है। हर कोई ड्यूटी पर है। जुमे की नमाज भी है, हमें यह सुनिश्चित करना है कि यह शांतिपूर्ण माहौल में हो सके।
मुख्तार की मौत को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य एक्स पर लिखा, यह स्वाभाविक मौत नहीं हत्या की साजिश प्रतीत होती है, पहले डॉक्टरों के पैनल ने अस्पताल से डिस्चार्ज किया और कुछ घंटों बाद ही उनकी मौत, पारिजनों द्वारा लगाए गए हत्या की साजिश की पुष्टि करती है।
अत: पूरे घटनाक्रम की जांच मा. उच्च न्यायालय की देखरेख में होना चाहिए यहां तक कि पोस्टमार्टम भी मा. उच्च न्यायालय के किसी जज के अभिरक्षण में ही किया जाना चाहिए, जिससे कि न्याय का गला घोटने वालों का चेहरा बेनकाब हो सके तथा थानो, जेलों, पुलिस अभिरक्षण में साजिशन किए जा रहे इस प्रकार के हत्याओं के फैशन पर विराम लग सके।
मुख्तार अंसारी की मौत पर कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने कहा, “लोग जो संदिग्ध मौत की बात कहते हैं, वो जांच का विषय है। जांच में सत्यता के आधार पर बयान करना चाहिए। आज के दिन विज्ञान पर भरोसा करना चाहिए। फोरेंसिक रिपोर्ट पर ही विश्वास किया जा सकता है…किसी की मौत पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।”