शिमला। कांग्रेस के अयोग्य घोषित विधायक चैतन्य शर्मा के पिता उत्तराखंड में मुख्य सचिव राकेश शर्मा और हमीरपुर से निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा के खिलाफ सुक्खू सरकार को गिराने का षड्यंत्र रचने के मामले में पुलिस में दर्ज मुकदमे के लिए पुलिस अधीक्षक शिमला संजीव गांधी ने एएसपी नवदीप के नेतृत्व में गठित चार सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित की है। शिमला पुलिस ने राज्यसभा चुनाव में मतदान के दौरान विधानसभा तक अयोग्य घोषित व निर्दलीय विधायकों को लाने और यहां से ले जाने की सीसीटीवी फुटेज भी खंगाली है।
उधर, राकेश शर्मा और आशीष शर्मा ने कांग्रेस विधायक संजय अवस्थी और भुवनेश्वर गौड़ पर उनके खिलाफ झूठी प्राथमिकी दर्ज कर छवि खराब करने को लेकर 50-50 करोड़ रुपये का मानहानि का केस दायर करने की बात कही है। दरअसल, राज्यसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के 6 विधायकों ने क्रास वोटिंग कर भाजपा के प्रत्याशी को जीता दिया। वहीं मनी बिल पर भी यह 6 विधायक उपस्थित नहीं हुए, जिससे सरकार पर संकट आ गया। 6 बागी विधायकों को स्पीकर ने निष्कासित कर दिया है, जिसपर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है। इसके बाद मुख्य संसदीय सचिव (सीपीएस) संजय अवस्थी व मनाली से विधायक भुवनेश्वर गौड़ ने रविवार को शिमला के बालूगंज पुलिस थाना में प्राथमिकी दर्ज करवाई थी। इसमें आरोप लगाया है कि भाजपा विधायकों के साथ मिलकर इन्होंने षड्यंत्र रचा, जिसके पर्याप्त सबूत उनके पास हैं। शिकायत में इनके बैंक खातों की जांच करवाने की मांग की है। इन पर भ्रष्टाचार करने, आपराधिक षड्यंत्र रचने और राज्यसभा चुनाव में वोट के एवज में करोड़ों रुपये के लेन-देन के आरोप हैं। सरकार गिराने और बागियों के पांच से सात सितारा होटलों में रहने की व्यवस्था करने, हेलीकाप्टर से बागी विधायकों को ले जाने के आरोप लगाए हैं।