करसोग (मंडी)। हिमाचल सरकार में लोक निर्माण मंत्री व पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के पुत्र विक्रमादित्य सिंह पार्टी के 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में हिस्सा ने लेने के फैसले के विपरीत प्राण प्रतिष्ठा में जरूर जाएंगे।
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि सनातनी होने के नाते और देव परंपरा में विश्वास रखते हुए यह मेरा कर्तव्य है कि मैं राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान अयोध्या में उपस्थित रहूं। इस विषय पर शीर्ष नेतृत्व से भी बात कर ली है। विक्रमादित्य व उनकी मां प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह को प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण दिया गया है। करसोग में रविवार को पत्रकारों से बातचीत में विक्रमादित्य ने कहा कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है। हमने जो बात पहले कही थी, आज भी वहीं खड़ा हूं। विक्रमादित्य ने कहा कि राजनीति को धर्म से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। दोनों ही चीजें अलग-अलग हैं। श्रीराम में उनकी गहन आस्था है। ऐसे में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए निमंत्रण मिलने पर खुद को सौभाग्यशाली मानते हैं और वे इस ऐतिहासिक पल का गवाह बनेंगे। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित सभी संस्थाओं का आभार प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह श्रीराम मंदिर के निर्माण के समर्थक थे। उन्होंने कहा था कि अयोध्या श्रीराम भगवान की जन्मभूमि है और वहां मंदिर का निर्माण होना चाहिए।
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