शिमला। हिमाचल को हरित ऊर्जा राज्य बनाने के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सभी सरकारी विभागों को पहली जनवरी, 2024 से डीजल या पेट्रोल वाहन न खरीदने का निर्देश दिया है। डीजल या पेट्रोल वाहन खरीद के लिए मंत्रिमंडल की स्वीकृति अनिवार्य कर दी है।
अपने पहले बजट में ही सुक्खू ने व्यवस्था परिवर्तन की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए विद्युत चालित वाहन (ई-वाहन) पर राज्य सरकार का विजन स्पष्ट किया। सीएम सुक्खू स्वयं भी इलेक्ट्रिक वाहन का उपयोग करते हैं। आज सरकारी ई-वाहनों की संख्या 185 हो गई है, जबकि प्रदेश में पंजीकृत निजी इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या 2733 तक पहुंच गई है। सरकार ने ई टैक्सी खरीद पर भी युवाओं को पचास फीसद सब्सिडी देने का फैसला लिया है।
राज्य सरकार लंबे रूटों पर भी ई-बसें चलाने जा रही है। एचआरटीसी के बेड़े में टाइप-1, 2 और 3 ई-बसों को चरणबद्ध तरीके से शामिल किया जा रहा है, ताकि 31 मार्च, 2026 तक हिमाचल को स्वच्छ व हरित ऊर्जा राज्य बनाने का लक्ष्य हासिल किया जा सके। सरकारी विभागों में गाड़ियों की आवश्यकता पूरी करने के लिए राज्य सरकार ने ई-टैक्सी अनुबंध पर लेने की अनुमति प्रदान की है।
ई-वाहनों को बढ़ावा देने के लिए छह राजमार्गों को ग्रीन कोरिडोर के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया गया है। प्रदेश में ई-वाहन चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना के लिए परिवहन विभाग ने 54 स्थानों को अंतिम रूप दिया है, जिनमें से कुछ लगभग बनकर तैयार हैं।