जानकारी के अनुसार नत्थनपुर निवासी निशा के बेटे पिंकू की तबीयत खराब होने पर नानी गीता ने उसे 24 जून को दून अस्पताल में भर्ती करवाया। डॉक्टर के मुताबिक बच्चे को सेप्सिस डायबिटिक कीटोएसिडोसिस बीमारी थी। बच्चे को तुरंत वेंटिलेटर पर रखा गया और इंसुलिन भी चढ़ाया जा रहा था। बच्चे के मुंह से सांस नली तक ट्यूब डाला गया था, ताकि सांस सही से आती रहे। डॉक्टर ने बताया, वेंटिलेटर की सेटिंग बिल्कुल सामान्य रखी गई थी और स्थिति में सुधार हो रहा था।
पिता ने जब ट्यूब खींचा इसके बाद तुरंत बच्चे को इनक्यूबेट किया गया। 39 मिनट तक सीपीआर दिया गया, लेकिन वह बच नहीं सका। सोमवार को बच्चे के शव का पोस्टमार्टम किया गया। यहां पुलिस के साथ ही बच्चे की मां और नाना-नानी मौजूद थे, लेकिन पिता का कहीं अता-पता नहीं था।