गुवाहाटी। असम सरकार ने बुधवार को घोषणा की है कि वह 1975 से 1977 के आपातकाल के दौरान जेल में बंद 300 से अधिक लोगों को 15,000 रुपये मासिक पेंशन देगी। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक के बाद आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री अशोक सिंघल ने कहा कि राज्य सरकार आपातकाल के दौरान जेल में बंद लोगों को ‘लोक तंत्र सेनानी’ मानती है। सिंघल ने कहा, “लोकतंत्र के प्रति उनके योगदान को पहचानने के लिए, असम कैबिनेट ने आज 301 लोगों को मासिक पेंशन देने की मंजूरी दी। उन्हें प्रति माह 15,000 रुपये मिलेंगे। यदि व्यक्ति नहीं है, तो उसकी पत्नी को राशि मिलेगी और यदि दोनों की मृत्यु हो गई है उनकी अविवाहित बेटी को यह राशि मिलेगी।”
सिंघल ने दावा किया कि भारत में कई राज्य आपातकाल के दौरान जेल में बंद लोगों को पेंशन दे रहे हैं, लेकिन असम द्वारा दी जाने वाली राशि सबसे अधिक है। आपातकाल तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा 1975 से 1977 तक 21 महीने की अवधि के लिए लगाया गया था।
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