लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि चतुर्थ औद्योगिक क्रांति उत्तर प्रदेश से आएगी। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग उत्तर प्रदेश की ताकत हैं। प्रदेश ने 96 लाख एसएमएमई इकाइयों से औद्योगिक विकास की नींव रखी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते छह साल में सरकार ने एमएसएमई इकाइयों को न केवल प्रोत्साहित किया बल्कि हस्तशिल्पियों, कारीगरों को प्रशिक्षित और सम्मानित भी किया है।
लोकभवन सभागार में शुक्रवार शाम आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी ने संतकबीर हथकरघा पुरस्कार से 39 बुनकरों को नकद राशि, प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिंह देकर सम्मानित किया। प्रदेश में उत्पादित उत्पादों के निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिए 25 वस्तुओं से जुड़े 75 निर्यातकों को प्रथम, द्वितीय और तृतीय राज्य निर्यात पुरस्कार देकर सम्मानित किया। 20 उद्यमियों को एमएसएमई उद्यम राज्य पुरस्कार दिया। कार्यक्रम में 600 दर्जी, राज मिस्त्री सहित अन्य कारीगरों को टूलकिट भी वितरित किए गए। प्रदेश भर में 75 हजार कारीगरों को टूलकिट वितरित किए गए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते दिनों वैश्विक निवेशक सम्मेलन में 33.50 लाख करोड़ रुपये के निवेश करार से साफ है कि अब यूपी चतुर्थ औद्योगिक क्रांति का जनक होगा। उन्होंने कहा कि यूपी अब निवेश के सबसे बड़े गंतव्य के रूप में उभर कर सामने आया है। यह औद्योगिक विकास की नींव बनेगा। कोरोना संक्रमण के समय देश ने यूपी की एमएसएमई की ताकत को देखा था, जब 40 लाख प्रवासी श्रमिकों को एमएमएसमई इकाइयों में रोजगार दिया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के औद्योगिक विकास के लिए पहली प्राथमिकता है कि कानून का राज हो, दूसरी प्राथमिकता है शासन नेक नियति से काम करे, व्यापार की सुगमता हो। लेकिन सबसे आवश्यक है कि एमएसएमई का बेहतरीन क्लस्टर हो, यूपी के एमएसएमई उद्यमियों ने इसे बनाया है।