शिमला। पर्यटन स्थल कुफरी की पुनर्विकास योजना को लागू न करने पर हाईकोर्ट ने कड़ा संज्ञान लेते हुए केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान (सीपीआरआई) से एक हफ्ते में जवाब तलब किया है। कुफरी को घोड़ों की लीद के ढेर से मुक्त करने के लिए सीपीआरआई से प्रस्तावित भूमि का अनापत्ति प्रमाण पत्र वांछित है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई छह अप्रैल को निर्धारित की है। इस मामले में राज्य सरकार ने अदालत को बताया कि हिलिंग हिमालय फाउंडेशन ने कुफरी में गोबर गैस संयंत्र बनाने के लिए हामी भर दी है।
सरकार ने अदालत को बताया कि महत्वाकांक्षी कुफरी पुन: विकास परियोजना के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र के संबंध में केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान (सीपीआरआई) से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि शिमला जिला प्रशासन ने चीनी बांग्ला के पास एक हेक्टेयर भूमि की पहचान की थी, ताकि घोड़े के गोबर से बनने वाले गैस प्लांट और ग्रामीण हाट और पार्किंग के साथ एक एकीकृत परिसर स्थापित किया जा सके। बता दें कि समाचार पत्र में छपी खबर पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है।