चीन ने बड़ा कदम उठाते हुए बिटकॉइन और इस प्रकार की अन्य आभासी मुद्राओं में किये जाने वाले सभी प्रकार के लेन-देन को अवैध घोषित कर दिया। साथ ही अनधिकृत तरीके से डिजिटल मुद्रा के उपयोग पर पाबंदी लगाने को लेकर अभियान शुरू किया है। केंद्रीय बैंक ने नोटिस में कहा कि बिटकॉइन, एथेरेम और अन्य डिजिटल मुद्राओं ने वित्तीय प्रणाली को बाधित किया है। इसका उपयोग काले धन को वैध बनाने और अन्य अपराधों में किया जा रहा है।
चीनी बैंकों ने क्रिप्टो करेंसी पर 2013 में पाबंदी लगा दी थी लेकिन सरकार ने इस साल अनुस्मरण पत्र जारी किया। यह बताता है कि क्रिप्टो करेंसी को लेकर आधिकारिक स्तर पर चिंता है। सरकार इस प्रकार की मुद्राओं के जरिये लेन-देन से वित्तीय प्रणाली को होने वाले नुकसान को लेकर चिंतित है।
क्रिप्टोकरेंसी के प्रवर्तकों का कहना है कि इससे एक गोपनीयता रहती है और लचीलापन रहता है, लेकिन चीनी नियामकों को चिंता है कि वे वित्तीय प्रणाली पर सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के नियंत्रण को कमजोर कर सकते हैं। यह भी कहा जाता है कि इससे आपराधिक गतिविधि को छिपाने में मदद हो सकती है।
पीबीसी ने कहा कि वर्चुअल मुद्राओं की कोई कानूनी टेंडर स्थिति नहीं है। बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसीजैसे एथेरियम और टीथर मौद्रिक अधिकारियों द्वारा जारी नहीं किए गए हैं और उनके पास कोई कानूनी टेंडर पावर नहीं है और इसलिए इसे वैध मुद्रा के रूप में प्रसारित नहीं किया जाना चाहिए। पीबीसी ने कहा, सभी अवैध वित्तीय गतिविधियों पर सख्ती से प्रतिबंध लगा दिया गया है और कानूनों के अनुरूप समाप्त कर दिया जाएगा।