देहरादून। चार धाम यात्रा और टूरिस्ट सीजन शुरू होते ही टूर आपरेटरों की मनमानी पर लगाम कसने के लिए धामी सरकार ने टूर आपरेटरों के लिए जीएसटी नंबर अनिवार्य कर दिया है। टूर ऑपरेटरों की मनमानी की कई शिकायतों के बाद राज्य परिवहन प्राधिकरण ने कार्रवाई की थी। जिसके बाद अब कैबिनेट ने ये फैसला लिया है कि अब देश दुनिया से उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों के साथ टूर ऑपरेटर मनमानी नहीं कर सकेंगे। अभिकर्ता/प्रचारक (सार्वजनिक सेवायानों द्वारा यात्रा करने के लिए सवारियां इकट्ठी करने एवं टिकटों की बिक्री हेतु) नियमावली 2023 पर मुहर लगा दी गई।
परिवहन विभाग के अंतर्गत उत्तराखंड मोटरयान नियमावली, 2011 के नियम 125 के तहत टूर ऑपरेटरों के लिए व्यवस्था की गई थी। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय के मोटरयान अधिनियम के तहत इसमें बदलाव किया गया है। लिहाजा, नए बदलाव अब राज्य में भी लागू कर दिए गए हैं। इसके तहत टूर ऑपरेटरों को पंजीकरण करते हुए लाइसेंस लेना होगा। इससे परिवहन विभाग को राजस्व मिलेगा। वहीं, पर्यटकों के लिए सुचारू सेवा न देने संबंधी शिकायतों का निस्तारण होगा। टूर ऑपरेटरों के खिलाफ विधिवत कार्रवाई की जा सकेगी। साथ ही यह भी प्रावधान कर दिया गया है कि टूर ऑपरेटरों को नियमावली के अंतर्गत पंजीकरण कराने के लिए जीएसटी नंबर लेना होगा। इससे राज्य कर की भी प्राप्ति होगी। पहली बार इस नियमावली में सख्त प्रावधान किए गए हैं। गौरतलब है कि इससे पूर्व टूर ऑपरेटरों की मनमानी की कई शिकायतें परिवहन मुख्यालय तक भी पहुंची थी, जिसमें राज्य परिवहन प्राधिकरण ने कार्रवाई की थी।