देहरादून। जोशीमठ शहर में भूधंसाव से कई मकान और होटल खतरे की जद में हैं। छह सौ से ज्यादा भवनों को असुरक्षित करार दिया है। इस कड़ी में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है। इसमें मुख्य सचिव डा एसएस संधु व दोनों अपर मुख्य सचिव समेत वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहेंगी। मुख्यमंत्री शनिवार को जोशीमठ जाकर स्थिति का जायजा भी लेंगे।
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जोशीमठ में लगातार हो रहे भूधंसाव के मामले पर धामी सरकार नजर बनाए हुए हैं, हालांकि वहां के लोग सरकार के उठाये जा रहे कदमों को अपर्याप्त मान रहे हैं। लोगों ने सरकार के खिलाफ मशाल जलूस भी निकाला। उधर, सीएम धामी ने प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के निर्देश दिए, लेकिन अभी तक 35 परिवार ही शिफ्ट हो पाए हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर क्षेत्र का दोबारा अध्ययन करने के सचिव आपदा प्रबंधन डा रंजीत कुमार सिन्हा के नेतृत्व में विशेषज्ञों की टीम जोशीमठ पहुंच चुकी है।
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जोशीमठ से औली की आवाजाही के लिए औली-जोशीमठ रोपवे प्रमुख साधन है। भूधंसाव के चलते इस रोपवे को अग्रिम आदेशों तक बंद कर दिया गया है, जिससे पर्यटक खासे परेशान हैं। 4.15 किमी लंबे इस रोपवे के पिलर एक से तीन तक आसपास की जमीन भूधंसाव के दायरे में है। इससे रोपवे पर खतरा मंडरा रहा है। रोपवे प्रबधंक दिनेश भट्ट का कहना है कि सुरक्षा की दृष्टि से प्रशासन के आदेश पर रोपवे का संचालन बंद किया गया है।
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