देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपनी सरकार के महत्वाकांक्षी अभियान “जन जन की सरकार, जन जन के द्वार” की तैयारियों को लेकर एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की। मुख्यमंत्री आवास में आयोजित इस बैठक में उन्होंने अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि 45 दिवसीय “प्रशासन गांव की ओर अभियान” को पूरी गंभीरता और प्रभावशीलता के साथ संचालित किया जाए। मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना ही इस अभियान का मुख्य उद्देश्य है।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि 17 दिसंबर 2025 से शुरू होने वाले इस अभियान के तहत अगले 45 दिनों तक प्रदेश की सभी न्याय पंचायतों में चरणबद्ध तरीके से बहुद्देशीय शिविर लगाए जाएं। इन शिविरों का मकसद केवल खानापूर्ति नहीं होना चाहिए बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर आम लोगों से आवेदन लिए जाएं और मौके पर ही उनकी समस्याओं का समाधान किया जाए। उन्होंने जोर देकर कहा कि हर न्याय पंचायत स्तर पर कार्यक्रम होना चाहिए और अगर पंचायत बड़ी है तो जरूरत के हिसाब से एक से ज्यादा शिविर भी लगाए जा सकते हैं।
योजनाओं के प्रचार प्रसार पर विशेष जोर देते हुए धामी ने कहा कि शिविर लगने से कम से कम तीन चार दिन पहले ही न्याय पंचायत के सभी निवासियों को इसकी सूचना दी जाए। शिविरों के बाद अधिकारी आसपास के गांवों का दौरा करें और जो पात्र लोग छूट गए हैं उनसे आवेदन भरवाएं। मुख्यमंत्री ने सुनिश्चित करने को कहा कि कोई भी पात्र व्यक्ति योजनाओं के लाभ से वंचित न रहे।
प्रशासनिक जवाबदेही तय करते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि हर हफ्ते लगने वाले शिविरों में से कम से कम एक शिविर में जिलाधिकारी खुद अनिवार्य रूप से मौजूद रहें। बाकी शिविरों में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति जरूरी होगी। संबंधित विभागों के अधिकारी भी मौके पर रहकर जनता की समस्याओं का तुरंत निस्तारण करेंगे। जनप्रतिनिधियों की भूमिका को भी अहम बताते हुए उन्होंने कहा कि सभी जनप्रतिनिधियों की शिविरों में शत प्रतिशत उपस्थिति होनी चाहिए। संगठन और जनप्रतिनिधि मिलकर योजनाओं के प्रचार प्रसार और जनसमस्याओं के समाधान में आगे आएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जन संतुष्टि ही उनकी सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने निर्देश दिए कि हर कार्यक्रम का ब्यौरा रखा जाए और लाभार्थियों की संतुष्टि पर खास ध्यान दिया जाए। हर हफ्ते की प्रगति रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय, मुख्य सचिव कार्यालय और सामान्य प्रशासन विभाग को भेजी जानी चाहिए। मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और डीएम स्तर पर इन शिविरों की लगातार मॉनिटरिंग की जाएगी। इस अवसर पर विधायक भरत सिंह चौधरी, सुरेश गड़िया, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव विनोद कुमार सुमन, अपर सचिव बंशीधर तिवारी और वर्चुअल माध्यम से प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट सहित कई विधायक और पदाधिकारी मौजूद रहे।