मैनपुरी।
पवित्र सावन मास में भगवान भोलेनाथ के भक्तों, कांवड़ियों की यात्रा को सुगम, सुरक्षित और विघ्न-रहित बनाने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़े निर्देश जारी किए हैं। शासन के इन आदेशों के बाद, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने कमर कस ली है और कांवड़ यात्रा के मार्गों पर स्थित ढाबों, होटलों और भंडारों के लिए नए और सख्त नियम लागू कर दिए हैं, ताकि कांवड़ियों के व्रत और आस्था के साथ कोई खिलवाड़ न हो सके।
ढाबों और होटलों के लिए कड़े नियम
11 जुलाई से शुरू हो रहे पवित्र सावन मास में हजारों श्रद्धालु कांवड़ लेकर यात्रा करते हैं। मैनपुरी जिले से भी बड़ी संख्या में कांवड़िए गुजरते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए, प्रशासन ने यह अनिवार्य कर दिया है कि जिले की सीमा में आने वाले प्रत्येक ढाबे, होटल और रेस्टोरेंट को अपना खाद्य लाइसेंस ऐसी जगह प्रदर्शित करना होगा, जो आसानी से दिखाई दे। इसके साथ ही, उन्हें खाद्य सामग्री की रेट लिस्ट भी लगानी होगी, ताकि किसी भी श्रद्धालु से मनमाने दाम न वसूले जा सकें और पूरी पारदर्शिता बनी रहे। इसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कांवड़ियों को शुद्ध, सात्विक और स्वच्छ भोजन उचित मूल्य पर मिले।
अधिकारी चखेंगे भंडारे का प्रसाद
कांवड़ियों की सेहत और आस्था का ख्याल रखते हुए इस बार एक और अभूतपूर्व कदम उठाया गया है। अब मार्ग में लगने वाले भंडारों में बंटने वाले प्रसाद की गुणवत्ता की जांच स्वयं खाद्य सुरक्षा अधिकारी करेंगे। उन्हें प्रतिदिन भ्रमण कर इन भंडारों का प्रसाद चखने का निर्देश दिया गया है। यदि प्रसाद की गुणवत्ता में किसी भी प्रकार की कोई अनियमितता पाई जाती है, या वह शुद्ध और सात्विक नहीं लगता, तो अधिकारियों को उस प्रसाद को तत्काल नष्ट कराने का भी अधिकार होगा। मंगलवार से ही विभाग की टीमें होटल और ढाबों की जांच का यह अभियान शुरू कर देंगी।
QR कोड से श्रद्धालु खुद करेंगे पहचान
इस बार प्रशासन ने तकनीक का भी सहारा लिया है ताकि श्रद्धालु स्वयं भी ढाबा या होटल मालिक की प्रामाणिकता परख सकें। प्रत्येक दुकान और सार्वजनिक स्थानों पर एक ‘ग्राहक संतुष्टि फीडबैक एप’ का पर्चा चिपकाया जाएगा, जिस पर एक क्यूआर (QR) कोड होगा। इस कोड को अपने मोबाइल से स्कैन करते ही श्रद्धालु को दुकानदार का नाम, जाति, पता, मोबाइल नंबर और पंजीकरण की तिथि जैसी सभी जानकारी अपने फोन पर मिल जाएगी। इससे वे पूरी तरह संतुष्ट होने के बाद ही भोजन या प्रसाद ग्रहण कर सकेंगे, और यह सुनिश्चित हो सकेगा कि भोजन पूरी तरह से सात्विक, शुद्ध और शाकाहारी है।
इस मामले पर सहायक आयुक्त (खाद्य-द्वितीय), डॉ. श्वेता सैनी ने पुष्टि करते हुए कहा, “शासन के आदेशानुसार जिले में सभी रेस्टोरेंट, ढाबों और खाद्य सामग्री से संबंधित दुकानों पर प्रबंध पूर्ण कराए जा रहे हैं। सभी को रेट लिस्ट और लाइसेंस सार्वजनिक करना होगा। साथ ही, स्पष्ट नाम भी अंकित करना होगा। हमारी टीमें निरंतर जांच करेंगी ताकि कांवड़ियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो और उनकी धार्मिक यात्रा निर्विघ्न संपन्न हो।”
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