लखनऊ। उत्तर प्रदेश में उच्च शिक्षा के क्षेत्र को और अधिक विस्तार देने की दिशा में योगी सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश में दो नए निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना के लिए संचालन की अनुमति प्रदान कर दी गई है। इसके तहत अयोध्या में ‘महर्षि महेश योगी रामायण विश्वविद्यालय’ और गाजियाबाद में ‘अजय कुमार गर्ग विश्वविद्यालय’ की स्थापना का मार्ग प्रशस्त हो गया है। उत्तर प्रदेश शासन ने इस संबंध में औपचारिक पत्र भी जारी कर दिया है।
यह निर्णय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में शिक्षा को सुलभ, समावेशी और समकालीन बनाने के व्यापक मिशन का हिस्सा है। इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने कहा कि प्रदेश सरकार उच्च शिक्षा में नवाचार और बेहतर अधोसंरचना के विकास के लिए निजी क्षेत्र की भागीदारी को लगातार प्रोत्साहित कर रही है। उन्होंने विश्वास जताया कि इन प्रयासों के फलस्वरूप उत्तर प्रदेश आने वाले वर्षों में शिक्षा के क्षेत्र में एक अग्रणी राज्य बनकर उभरेगा। इन दोनों विश्वविद्यालयों के प्रस्तावों को युवाओं को स्थानीय स्तर पर गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षण संस्थानों की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से एक समयबद्ध प्रक्रिया के तहत स्वीकृति दी गई है।

मंत्री ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि दिल्ली स्थित ‘महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट’ द्वारा अयोध्या में प्रस्तावित ‘महर्षि महेश योगी रामायण विश्वविद्यालय’ को उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय (संशोधन) अधिनियम, 2025 के अंतर्गत अधिसूचित करते हुए संचालन के लिए अनुज्ञा-पत्र (Letter of Permission) प्रदान किया गया है। इस अनुमति के बाद विश्वविद्यालय अब निर्धारित शर्तों के अनुसार औपचारिक रूप से अपना संचालन शुरू कर सकेगा।
इसी प्रकार, गाजियाबाद स्थित ‘इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड इंजीनियरिंग सोसाइटी’ द्वारा प्रस्तावित ‘अजय कुमार गर्ग विश्वविद्यालय’ को उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय अधिनियम, 2019 की धारा-6 के अंतर्गत आशय-पत्र (Letter of Intent) जारी किया गया है। इस आशय-पत्र के अनुसार, विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए सोसाइटी को कुछ प्रमुख शर्तों को पूरा करना होगा, जिनमें न्यूनतम पांच करोड़ रुपए की स्थायी विन्यास निधि की स्थापना, शहरी क्षेत्र में 20 एकड़ भूमि की व्यवस्था, और कम से कम 24,000 वर्ग मीटर के शैक्षणिक भवन का निर्माण शामिल है।
इन विश्वविद्यालयों की स्थापना को लेकर हुई सहमति के अवसर पर उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा एम.पी. अग्रवाल, विशेष सचिव निधि श्रीवास्तव तथा अन्य विभागीय अधिकारी भी उपस्थित रहे।