देहरादून।
उत्तराखंड में पर्यटन को एक नया आयाम देने और आपदा प्रबंधन तंत्र को और अधिक मजबूत बनाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को एक उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। मुख्यमंत्री आवास में आयोजित इस बैठक में उन्होंने अधिकारियों को कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए, जिसमें सबसे प्रमुख राज्य में ‘हाई-एल्टीट्यूड अल्ट्रा मैराथन’ की शुरुआत करना है। इसके साथ ही, उन्होंने आपदा प्रभावितों को समय पर राहत राशि देने और किसानों की फसलों की सुरक्षा के लिए भी ठोस कदम उठाने को कहा।
पर्यटन के लिए ‘हाई-एल्टीट्यूड अल्ट्रा मैराथन’ की पहल
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक अनूठी पहल करते हुए, मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को राज्य के दो प्रमुख क्षेत्रों में हाई-एल्टीट्यूड अल्ट्रा मैराथन शुरू करने का निर्देश दिया। योजना के अनुसार, कुमाऊं क्षेत्र में यह मैराथन गुंजी से आदि कैलाश तक आयोजित की जाएगी, जबकि गढ़वाल में इसका रूट नीति-माणा से लेकर मलारी तक होगा। इन दोनों ही मार्गों को उनकी प्राकृतिक सुंदरता और चुनौतीपूर्ण भूभाग के लिए जाना जाता है।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि इस आयोजन को केवल एक बार के लिए नहीं, बल्कि राज्य के वार्षिक पर्यटन कैलेंडर में स्थायी रूप से शामिल किया जाए और हर वर्ष एक निर्धारित तिथि पर इसका नियमित आयोजन सुनिश्चित हो। इस कदम का मुख्य उद्देश्य देश और दुनिया भर से साहसिक पर्यटन (एडवेंचर टूरिज्म) के शौकीनों को आकर्षित करना और इन सीमांत क्षेत्रों को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर एक नई पहचान दिलाना है।
आपदा प्रबंधन और किसानों की सुरक्षा पर जोर
राज्य में मौजूदा मानसून सीजन और आपदा की चुनौतियों को देखते हुए, मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन तंत्र को और अधिक सशक्त बनाने पर विशेष जोर दिया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि राहत और बचाव कार्यों में कोई कोताही न बरती जाए और सबसे महत्वपूर्ण, प्रभावितों को तय समय के भीतर सहायता राशि उपलब्ध कराई जाए। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि आपदा की घड़ी में प्रभावित परिवारों को तत्काल वित्तीय राहत मिल सके और उन्हें कठिनाइयों का सामना न करना पड़े।
बैठक में सीमांत एवं पर्वतीय क्षेत्रों के किसानों की समस्याओं पर भी ध्यान केंद्रित किया गया। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को जंगली जानवरों से फसलों की सुरक्षा के लिए घेरबाड़ (फेंसिंग) और सोलर फेंसिंग के संबंध में एक विस्तृत योजना बनाने के निर्देश दिए। इस योजना का लक्ष्य किसानों को हर साल होने वाले फसल के नुकसान से बचाना और उनकी आजीविका को सुरक्षित करना है।
यह बैठक मुख्यमंत्री धामी के उस विजन को दर्शाती है जिसके तहत राज्य के समग्र विकास के लिए पर्यटन, आपदा प्रबंधन और कृषि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में एक साथ काम किया जा रहा है। बैठक में प्रमुख सचिव आर. के सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव शैलेश बगोली और अपर सचिव बंशीधर तिवारी उपस्थित थे।
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