नई दिल्ली। कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने 2000 रुपये के नोट को सर्कुलेशन से बाहर करने और बिना आईडी प्रूफ के बदलने पर बड़ा सवाल खड़ा किया है। उनका कहना है कि इसकी कोई व्यवस्था ही नहीं बनाई कि कौन नोट जमा करवा रहा है। ऐसे तो कालेधन वाले बिना किसी दिक्कत के अपनी ब्लैकमनी व्हाइट कर लेंगे।
पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने पहले नोटबंदी की और उससे कालेधन पर लगाम लगाने में कोई सफलता नहीं मिली और अब ये कदम नया ड्रामा है। आम लोगों के पास 2000 रुपए के नोट नहीं हैं क्योंकि 2016 में लाने के तुरंत बाद लोगों ने इसे लेना बंद कर दिया था। चिदंबरम ने कहा कि ये नोट दैनिक खुदरा उपयोग के लिए सही नहीं थे, इसलिए लोगों ने इससे दूरी बनाई। उन्होंने कहा कि इसका मतलब साफ है कि 2000 रुपये के नोट किसने रखे और उनका इस्तेमाल अब कैसे होगा। आप जवाब जानते हैं। पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने कहा कि 2000 रुपये के नोट बदलने से अब सरकार ने कालेधन को सफेद बनाना आसान कर दिया है। उन्होंने कहा कि 2000 रुपये के नोट बिना आईडी प्रूफ के बदलने से सरकार ने कालेधन वालों का रेड कार्पेट पर स्वागत किया है।
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