देहरादून: युद्ध के चलते यूक्रेन में रहना ठीक नहीं है। भारत सरकार सभी छात्रों को यूक्रेन से बाहर निकालने की कोशिश में जुटी है। छात्रों के परिवार उनकी राह देख रहे हैं, लेकिन देहरादून के किशनपुर निवासी ऋषभ कौशिक अपने पालतू डागी ‘मालीबू’ के बिना भारत लौटने को तैयार नहीं हैं। ऋषभ का कहना है कि मालीबू को जब उन्होंने गोद लिया था, तब उसे पालने की जिम्मेदारी भी उठाई थी, ऐसे में उसे छोड़कर भारत नहीं आ सकते हैं। भारतीय सरकार दोनों को आने की अनुमति देगी तभी वह वापस लौटेंगे
ऋषभ कौशिक खारकीव नेशनल यूनिवर्सिटी आफ रेडियो इलेक्ट्रानिक्स से साफ्टवेयर इंजीनियरिंग की तृतीय वर्ष की पढ़ाई कर रहे हैं। ऋषभ ने बताया कि अपने डागी के साथ भारत लौटने के लिए जरूरी सहमतियां लेने की कोशिश की, लेकिन इसमें सफलता नहीं मिली। एंबेसी ने उनसे अकेले को भारत जाने की बात कही है, लेकिन उन्होंने फैसला किया है कि अगर उनका डागी उनके साथ नहीं जाएगा, तो वह खुद भी वापस नहीं आएंगे। कहा कि उन्हें पता है कि यूक्रेन में रहना खतरे से खाली नहीं है। उन्होंने बताया कि उनके दुबई के रास्ते भारत जाने की व्यवस्था हो गई थी, लेकिन उन्होंने अपने डागी के बिना घर जाना ठीक नहीं समझा। कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भारतीय दूतावास से इजाजत मिलेगी और दोनों यूक्रेन से सही-सलामत घर पहुंचेंगे।