देहरादून: विशेष न्यायाधीश सतर्कता मनोज गब्र्याल की अदालत ने बाल विकास परियोजना अधिकारी मंजू कनौजिया को रिश्वत के मामले में सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है। बचाव पक्ष के अधिवक्ता मनोज कुमार ने बताया कि 19 सितंबर 2014 को विकास खंड सहसपुर के अंतर्गत केहरी गांव द्वितीय की आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता कविता की शिकायत पर विजिलेंस ने मंजू कनौजिया को गिरफ्तार किया था। कविता ने कनौजिया पर 15 हजार रुपये रिश्वत की मांग का आरोप लगाया था। उधर, मंजू कनौजिया ने कोर्ट में अपना पक्ष रखा था कि रंजिश के चलते उन्हें फंसाया गया। इस मामले में विजिलेंस की ओर से कोर्ट में 12 गवाह पेश किए गए। न्यायाधीश ने आदेश जारी किया कि मंजू कन्नौजिया के खिलाफ आरोप सिद्ध न हो पाने के कारण संदेह का लाभ देते हुए उन्हें दोषमुक्त किया जाता है।