देहरादून। रिश्तेदार की बेटी के साथ दुष्कर्म के प्रयास में अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायाधीश अश्वनी गौड़ की फास्ट ट्रैक अदालत ने सैन्यकर्मी को दोषी करार देते हुए पांच साल की कैद व 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना अदा न करने पर दोषी को अतिरिक्त सजा काटनी पड़ेगी।
शासकीय अधिवक्ता किशोर कुमार ने बताया कि 24 अक्टूबर 2014 को पटेलनगर कोतवाली क्षेत्र के एक गांव निवासी व्यक्ति के घर में पूजा थी। उन्होंने दून के कैंट क्षेत्र में रहने वाले अपने रिश्तेदार सैन्यकर्मी को परिवार समेत बुलाया था। शिकायतकर्ता के घर पर उनकी भांजी भी रहती थी। पूजा खत्म होने के बाद घर के सभी लोग अपने कमरों में सोने के लिए चले गए। रात करीब साढ़े 12 बजे शिकायतकर्ता की नींद खुली तो उनकी भांजी अपने बिस्तर पर नहीं थी। दूसरे कमरे की लाइट जलाने पर देखा कि आरोपित ने उनकी भांजी का मुंह दबाया हुआ था। शिकायतकर्ता की भांजी के मुंह व नाक से खून निकल रहा था और वह बेहोश पड़ी हुई थी। आरोपित मौका पाकर अपने परिवार के साथ वहां से फरार हो गया। थोड़ी देर बाद जब पीडि़ता को होश आया तो उसने स्वजन को बताया कि रात को वह शौचालय में गई थी। इसी दौरान आरोपित ने उसे पकड़ लिया और उसके साथ दुष्कर्म करने का प्रयास करने लगा। शिकायतकर्ता की ओर से इस मामले में 31 अक्टूबर 2014 को आरोपित के खिलाफ पटेलनगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया था।