Uttarakhand: सात साल बाद नैनीताल में विंटर कार्निवाल की भव्य वापसी और मुख्यमंत्री ने शीतकालीन पर्यटन को बताया आत्मनिर्भरता का आधार – The Hill News

Uttarakhand: सात साल बाद नैनीताल में विंटर कार्निवाल की भव्य वापसी और मुख्यमंत्री ने शीतकालीन पर्यटन को बताया आत्मनिर्भरता का आधार

नैनीताल। पर्यटन नगरी नैनीताल में सात साल के लंबे अंतराल के बाद विंटर कार्निवाल की भव्य वापसी हुई है। गुरुवार को आयोजित इस समारोह में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। इस मौके पर उन्होंने शीतकालीन पर्यटन को जन आंदोलन बनाने का आह्वान किया और इसे आत्मनिर्भर उत्तराखंड की मजबूत नींव बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि नैनीताल कार्निवाल न केवल राज्य की आस्था, संस्कृति और परंपरा का उत्सव है बल्कि यह विकास भी विरासत भी की सोच को भी साकार करता है।

अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी और नैनीताल जिले के लिए 121 करोड़ रुपये से अधिक की विकास योजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि सात साल बाद आयोजित हो रहा यह कार्निवाल पर्यटकों को हमारी समृद्ध संस्कृति और प्राकृतिक सुंदरता से रूबरू करा रहा है। कार्निवाल के दौरान बोट रेस, सांस्कृतिक झांकियां, लाइट एंड साउंड शो और बैंड प्रस्तुतियों ने दर्शकों का मन मोह लिया। इसके अलावा प्रकृति भ्रमण, ट्रेकिंग, एस्ट्रो टूरिज्म और रॉक क्लाइम्बिंग जैसी गतिविधियों का भी आयोजन किया गया।

धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शीतकालीन यात्रा के आह्वान को याद करते हुए कहा कि इससे राज्य के सभी पर्यटन क्षेत्रों में अभूतपूर्व उत्साह है। उन्होंने बताया कि स्थानीय युवा ट्रेकिंग गाइड, होम स्टे और होटल व्यवसाय से जुड़कर आत्मनिर्भर बन रहे हैं और पलायन में कमी आई है। उन्होंने नैनीताल के लोगों से अपील की कि वे नवरात्रों के दौरान होने वाले शरदोत्सव और ऑटम फेस्टिवल को भी फिर से शुरू करें ताकि सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा मिले।

सरकार की भावी योजनाओं का खाका खींचते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि गढ़वाल और कुमाऊं मंडलों में एक एक स्पिरिचुअल इकोनॉमिक जोन की स्थापना की जाएगी। यह कदम आयुर्वेदिक चिकित्सा, योग और आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए उठाया जा रहा है। उन्होंने एक जनपद दो उत्पाद, हाउस ऑफ हिमालयाज और स्टेट मिलेट मिशन जैसी योजनाओं की जानकारी दी। धामी ने गर्व से कहा कि रिवर्स पलायन में 44 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है और राज्य को बेस्ट वाइल्डलाइफ और एडवेंचर डेस्टिनेशन के राष्ट्रीय पुरस्कार मिले हैं।

कानून व्यवस्था पर सख्त संदेश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि के देवत्व की रक्षा के लिए कड़े फैसले लिए गए हैं। लैंड जिहाद के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 10 हजार हेक्टेयर भूमि मुक्त कराई गई है और 500 से अधिक अवैध निर्माण ध्वस्त किए गए हैं। सख्त भू कानून, दंगा विरोधी कानून और समान नागरिक संहिता लागू कर राज्य की डेमोग्राफी को सुरक्षित रखा जा रहा है। नकल विरोधी कानून और भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति से युवाओं का भविष्य सुरक्षित हुआ है। अंत में उन्होंने लोगों से स्वदेशी उत्पाद अपनाने की अपील की। कार्यक्रम में विधायक सरिता आर्या, बंशीधर भगत और आयुक्त कुमाऊं दीपक रावत समेत कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।

 

Pls read:Uttarakhand: अंकिता भंडारी हत्याकांड में नाम घसीटने पर भड़के दुष्यंत गौतम और गृह सचिव से की शिकायत

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *