नई दिल्ली। क्रिसमस की रात जब पूरी दुनिया जश्न में डूबी थी तब अमेरिका ने एक बड़ी और निर्णायक सैन्य कार्रवाई को अंजाम दिया। अमेरिकी सेना ने नाइजीरिया में स्थित खूंखार आतंकवादी संगठन आईएसआईएस के ठिकानों को अपना निशाना बनाया है। इस हमले की जानकारी खुद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए दी। ट्रंप ने नाइजीरियाई सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वह हिंसा को रोकने में पूरी तरह विफल साबित हुई है। ऐसे में अगर अमेरिका बचाव के लिए आगे नहीं आता तो यह नाइजीरिया में रहने वाले ईसाइयों के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता था।
ट्रंप ने अपने पोस्ट में इस हमले की वजह भी साफ की। उन्होंने दावा किया कि नाइजीरिया में मौजूद आतंकवादी मुख्य रूप से निर्दोष ईसाइयों को अपना निशाना बना रहे थे और उनकी बेरहमी से हत्या कर रहे थे। गौरतलब है कि अक्टूबर में ही इन आतंकियों पर ईसाइयों के कत्लेआम के आरोप लगे थे। राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि उनके निर्देश पर कमांडर इन चीफ के तौर पर अमेरिका ने नॉर्थवेस्ट नाइजीरिया में आईएसआईएस के आतंकवादियों पर एक शक्तिशाली और जानलेवा हमला किया है।
ट्रंप ने कड़े शब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहा कि ये आतंकवादी मासूम ईसाइयों को जिस तरह से मार रहे थे वैसा कई सालों या सदियों से नहीं देखा गया था। उन्होंने बताया कि उन्होंने इन आतंकवादियों को पहले ही चेतावनी दे दी थी कि अगर उन्होंने ईसाइयों का कत्लेआम बंद नहीं किया तो उन्हें इसका बुरा अंजाम भुगतना पड़ेगा और क्रिसमस की रात ठीक ऐसा ही हुआ। अमेरिकी युद्ध विभाग ने कई सटीक हमले किए और आतंकियों के ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में देश कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवाद को पनपने नहीं देगा। उन्होंने अपनी सेना को आशीर्वाद दिया और सभी को क्रिसमस की शुभकामनाएं दीं। अपने खास अंदाज में ट्रंप ने कहा कि इसमें मरे हुए आतंकवादी भी शामिल हैं। उन्होंने एक बार फिर साफ चेतावनी दी कि अगर आतंकवादियों ने ईसाइयों का कत्लेआम जारी रखा तो भविष्य में ऐसे और भी बहुत से आतंकवादी मारे जाएंगे।
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