Punjab: सरकार ने अमृतसर आनंदपुर साहिब और तलवंडी साबो को पवित्र शहर का दर्जा देकर मांस शराब पर लगाई रोक – The Hill News

Punjab: सरकार ने अमृतसर आनंदपुर साहिब और तलवंडी साबो को पवित्र शहर का दर्जा देकर मांस शराब पर लगाई रोक

चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने राज्य की धार्मिक विरासत को सम्मान देते हुए एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। पंजाब सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर सिख धर्म के तीन प्रमुख धार्मिक शहरों को पवित्र शहर का दर्जा दे दिया है। मुख्यमंत्री ने इसे राज्य के लिए कृतज्ञता, विनम्रता और जिम्मेदारी का क्षण बताया है। 15 दिसंबर 2025 को जारी इस आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार अमृतसर जिले के अमृतसर शहर के भीतरी इलाके यानी वॉल्ड सिटी, रूपनगर जिले के श्री आनंदपुर साहिब और बठिंडा जिले के तलवंडी साबो शहर को अब पंजाब राज्य के पवित्र शहर के रूप में मान्यता दी गई है।

एक वीडियो संदेश के जरिए पंजाब की जनता को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि उनकी सरकार ने यह ऐतिहासिक कदम उठाकर सिख धर्म की भावनाओं का सम्मान किया है। उन्होंने बताया कि इस फैसले की घोषणा श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस के मौके पर श्री आनंदपुर साहिब की पावन धरती से की गई थी। मान ने ईश्वर का शुक्रिया अदा किया कि उन्हें इस तरह का ऐतिहासिक निर्णय लेने की बुद्धि और शक्ति मिली।

इस कदम के महत्व को समझाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सिखों के पांच तख्तों में से तीन तख्त पंजाब में स्थित हैं। इनमें अमृतसर में श्री अकाल तख्त साहिब, श्री आनंदपुर साहिब में तख्त श्री केसगढ़ साहिब और तलवंडी साबो में तख्त श्री दमदमा साहिब शामिल हैं। अब इन पवित्र तख्तों से जुड़े शहरों को आधिकारिक तौर पर आस्था के केंद्र और पवित्र शहर का दर्जा मिल गया है।

पवित्र शहर घोषित होने के बाद इन जगहों पर कड़े नियम लागू होंगे। मुख्यमंत्री ने साफ शब्दों में कहा कि इन सभी शहरों में मांस, शराब, तंबाकू और किसी भी तरह के नशीले पदार्थों की बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा। यह फैसला इन स्थानों की पवित्रता को बनाए रखने के लिए लिया गया है। इसके अलावा सरकार इन शहरों में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधाओं का भी पूरा ध्यान रखेगी। भगवंत मान ने भरोसा दिलाया कि दुनिया भर से आने वाली संगत को किसी तरह की परेशानी न हो इसके लिए ई रिक्शा, मिनी बसें और अन्य सार्वजनिक परिवहन सेवाएं मुहैया कराई जाएंगी।

मुख्यमंत्री ने पूरी जिम्मेदारी के साथ आश्वासन दिया कि इन शहरों के समग्र और उचित विकास में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी क्योंकि ये केवल धार्मिक केंद्र ही नहीं बल्कि हमारी सांस्कृतिक विरासत के भी प्रतीक हैं। उन्होंने सिख संगत को बधाई देते हुए कहा कि पवित्र शहर घोषित करने का यह फैसला बहुत पहले हो जाना चाहिए था लेकिन अब अधिसूचना जारी होने के साथ ही यह प्रभाव में आ गया है।

 

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