बाराबंकी/लखनऊ
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को बाराबंकी जिले का दौरा किया। यहां उन्होंने दौलतपुर गांव में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम के दौरान ‘किसान पाठशाला’ और ‘प्रगतिशील किसान सम्मेलन’ का उद्घाटन किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने अन्नदाताओं के साथ सीधा संवाद स्थापित करते हुए खेती-किसानी को लाभ का सौदा बनाने पर जोर दिया। मुख्यमंत्री का पूरा फोकस इस बात पर रहा कि कैसे आधुनिक तकनीकों और समझदारी का इस्तेमाल करके किसान अपनी लागत को कम कर सकते हैं और उत्पादन को बढ़ाकर अपनी आय में इजाफा कर सकते हैं।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने सबसे पहले वहां मौजूद किसानों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि सरकार खेती को बेहद नजदीकी से समझ रही है और देख रही है। उन्होंने मंच से सवाल उठाया कि आखिर आज के दौर में खेती की मुख्य चुनौतियां क्या हैं? मुख्यमंत्री ने किसानों को मंत्र देते हुए कहा कि अगर खेती में लागत कम आए और उत्पादन अधिक हो, तो किसानों को खुशहाल बनाया जा सकता है। किसान पाठशाला का मुख्य उद्देश्य भी यही है कि किसानों को पारंपरिक खेती के साथ-साथ वैज्ञानिक तरीकों से भी रूबरू कराया जाए ताकि वे कम खर्च में बेहतर फसल उगा सकें।
मुख्यमंत्री के इस दौरे को लेकर जिला प्रशासन और पुलिस विभाग पूरी तरह से मुस्तैद नजर आया। कार्यक्रम से एक दिन पहले ही जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी और पुलिस अधीक्षक अर्पित विजयवर्गीय ने अधीनस्थ अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की थी। इस ब्रीफिंग के दौरान सुरक्षा और व्यवस्था को लेकर कड़े निर्देश जारी किए गए थे। डीएम शशांक त्रिपाठी ने स्पष्ट शब्दों में कहा था कि जिस अधिकारी या कर्मचारी की ड्यूटी जिस स्थान पर लगाई गई है, वह कार्यक्रम समाप्त होने और सभी लोगों के वहां से सुरक्षित निकल जाने तक अपना प्वाइंट नहीं छोड़ेगा।
सुरक्षा के लिहाज से प्रशासन ने कार्यक्रम स्थल के आसपास के खेतों को लेकर विशेष सतर्कता बरती। अधिकारियों को निर्देश दिए गए थे कि आसपास के खेतों में लगी ‘झटका मशीनों’ यानी जानवरों को रोकने के लिए लगाई गई इलेक्ट्रिक फेंसिंग को तुरंत बंद कराया जाए, ताकि किसी भी तरह की दुर्घटना की संभावना न रहे। इसके अलावा हेलीपैड के पास बैरिकेडिंग को मजबूत करने के भी सख्त निर्देश दिए गए थे ताकि मुख्यमंत्री के आगमन और प्रस्थान के समय कोई भी सुरक्षा घेरा न तोड़ सके।
प्रशासनिक अधिकारियों ने हर पहलू की बारीकी से जांच की ताकि हेलीपैड, किसान पाठशाला और सम्मेलन स्थल पर किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न फैले। मुख्यमंत्री के इस दौरे से बाराबंकी के किसानों में एक नई उम्मीद जगी है। प्रगतिशील किसान सम्मेलन के माध्यम से सरकार ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि वह किसानों की समस्याओं के प्रति गंभीर है और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए हर संभव कदम उठा रही है। योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में स्पष्ट किया कि खेती में आने वाली बाधाओं को दूर करना और किसानों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करना उनकी सरकार की प्राथमिकता है।
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