नई दिल्ली
एशियाई देश जापान के लिए यह सप्ताह प्राकृतिक आपदाओं के लिहाज से बेहद भारी साबित हो रहा है। शुक्रवार को एक बार फिर जापान की धरती जोरदार भूकंप के झटकों से डोल उठी। यह झटका देश के उत्तर-पूर्वी तटीय क्षेत्र में महसूस किया गया। रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 6.7 मापी गई है जो कि काफी शक्तिशाली मानी जाती है। भूकंप के इन तेज झटकों के तुरंत बाद जापान की मौसम विज्ञान एजेंसी हरकत में आई और एहतियात के तौर पर सुनामी की एडवाइजरी जारी कर दी है।
शुक्रवार को आया यह भूकंप इसलिए भी चिंता का विषय है क्योंकि इसी हफ्ते की शुरुआत में भी जापान ने एक बड़े भूकंप का सामना किया था। महज पांच दिन पहले यानी सोमवार को इसी क्षेत्र के उत्तर में 7.5 तीव्रता का अत्यंत शक्तिशाली भूकंप आया था। उस समय प्रशांत महासागर के तटीय इलाकों में जोरदार लहरें उठी थीं और सुनामी की स्थिति बन गई थी। सोमवार को आए उस भूकंप के कारण 34 लोग घायल हुए थे और कई इमारतों को हल्का नुकसान भी पहुंचा था।
अभी लोग सोमवार की दहशत से पूरी तरह उबर भी नहीं पाए थे कि शुक्रवार यानी 12 दिसंबर की सुबह आओमोरी प्रीफेक्चर के पूर्वी तट के पास धरती फिर से कांप उठी। मौसम विभाग ने तुरंत स्थिति का आकलन करते हुए तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए सुनामी की चेतावनी जारी की है। प्रशासन ने लोगों को समुद्र तट से दूर रहने और ऊंचाई वाले स्थानों पर जाने की सलाह दी है ताकि किसी भी संभावित खतरे से बचा जा सके।
हालांकि, राहत की बात यह है कि शुक्रवार को आए 6.7 तीव्रता के इस भूकंप से अभी तक किसी भी तरह के जान-माल के नुकसान की कोई खबर सामने नहीं आई है। स्थानीय प्रशासन और राहत बचाव दल स्थिति पर पैनी नजर बनाए हुए हैं। सोमवार को हुए नुकसान और घायलों की संख्या को देखते हुए इस बार प्रशासन ज्यादा सतर्क नजर आ रहा है। लगातार आ रहे इन झटकों ने जापान के लोगों में डर का माहौल पैदा कर दिया है। फिलहाल मौसम विभाग और भूवैज्ञानिक इस बात का अध्ययन कर रहे हैं कि इतने कम समय के अंतराल में एक ही क्षेत्र में दो बड़े भूकंप आने के पीछे क्या भूगर्भीय कारण हो सकते हैं।
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