चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र आज ऐतिहासिक शहर आनंदपुर साहिब में आयोजित किया गया। यह पहली बार है कि विधानसभा का सत्र चंडीगढ़ के बाहर किसी अन्य स्थान पर हो रहा है, जो इस आयोजन को और भी खास बनाता है। इस विशेष सत्र का मुख्य उद्देश्य गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी पर्व के अवसर पर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करना है।
सत्र में भाग लेने के लिए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री लाल चंद कटारूचक सहित कई कैबिनेट मंत्री और विधायक विधानसभा पहुंचे। शिक्षा एवं जनसंपर्क मंत्री हरजोत सिंह बैंस, जो आनंदपुर साहिब से विधायक भी हैं, नंगे पांव ही सदस्यों और दर्शकों के पास जाकर उनका कुशलक्षेम पूछा और आनंदपुर साहिब पहुंचने पर उनका स्वागत किया। मुख्यमंत्री भगवंत मान और प्रसिद्ध पर्यावरणविद् संत बलबीर सिंह सीचेवाल भी सदन की कार्रवाई देखने के लिए उपस्थित थे। सांसद अमरिंदर सिंह राजा वडिंग और मीत हेयर भी सदन की कार्यवाही देखने पहुंचे।
मंत्री हरजोत बैंस ने सत्र में सरकारी प्रस्ताव पेश किया, जिसका मूल उद्देश्य गुरु तेग बहादुर जी के सिद्धांतों और उनकी अद्वितीय शहादत को नमन करना था। विधानसभा अध्यक्ष कुलतार संधवां ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि इस विशेष सत्र के दौरान कोई अन्य सरकारी कामकाज नहीं होगा, ताकि पूरा ध्यान गुरु साहिब को श्रद्धांजलि अर्पित करने पर केंद्रित रहे।
यह उल्लेखनीय है कि 25 नवंबर को गुरु तेग बहादुर जी का 350वां शहीदी पर्व है, जिसे पंजाब सरकार बड़े स्तर पर मना रही है। इसी क्रम में, गुरु साहिब के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करने के लिए आनंदपुर साहिब में ही विधानसभा का यह विशेष सत्र बुलाया गया है।
पहले ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि सरकार इस अवसर पर आनंदपुर साहिब को एक जिले का दर्जा दे सकती है। हालांकि, विधानसभा की कार्यसूची में इस संबंध में कोई जिक्र नहीं किया गया, जिससे यह कयास मात्र अटकलें ही साबित हुए। यह विशेष सत्र पंजाब की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है और गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान को याद करने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है।
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