धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान बुधवार को सदन के भीतर भारी हंगामा देखने को मिला। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी के एक बयान ने सदन का माहौल गरमा दिया, जिसके बाद विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी। नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने राजस्व मंत्री पर बदतमीजी की सारी सीमाएं लांघने का आरोप लगाते हुए उन्हें अपनी हद में रहने की सख्त चेतावनी दी है।
विवाद की शुरुआत तब हुई जब राजस्व मंत्री सदन में अपनी बात रख रहे थे। जयराम ठाकुर का आरोप है कि मंत्री ने विषय से हटकर व्यक्तिगत और राजनीतिक हमले शुरू कर दिए। उन्होंने कहा कि राजस्व मंत्री ने जिस विषय पर नोटिस दिया गया था और जिस पर चर्चा होनी चाहिए थी, उसे छोड़कर सराज विधानसभा क्षेत्र और जयराम ठाकुर को निशाना बनाना शुरू कर दिया। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मंत्री अपनी बात की शुरुआत भी सराज से करते हैं और खत्म भी वहीं करते हैं, जबकि सदन में गंभीर मुद्दों पर चर्चा अपेक्षित थी।
सदन के बाहर पत्रकारों से बातचीत करते हुए जयराम ठाकुर ने अपने गुस्से का इजहार किया। उन्होंने कहा कि राजस्व मंत्री ने बोलते वक्त शालीनता और मर्यादा की सारी हदें पार कर दीं। उन्होंने स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री की शायद कोई राजनीतिक मजबूरी हो सकती है कि वे राजस्व मंत्री को बर्दाश्त कर रहे हैं, लेकिन विपक्ष की ऐसी कोई मजबूरी नहीं है। ठाकुर ने विधानसभा अध्यक्ष से भी शिकायत की है कि अगर राजस्व मंत्री इसी तरह की अभद्र भाषा का प्रयोग करते रहे, तो विपक्ष सदन में उनकी एक भी बात नहीं सुनेगा।
जयराम ठाकुर ने यह भी आरोप लगाया कि जब उन्होंने सदन के भीतर अध्यक्ष से अपनी बात रखने का मौका मांगा, तो उन्हें अनुमति नहीं दी गई। इतना ही नहीं, राजस्व मंत्री द्वारा बोले गए आपत्तिजनक शब्दों को कार्यवाही के रिकॉर्ड से हटाने के आग्रह को भी अनसुना कर दिया गया। उन्होंने कहा कि जिन शब्दों का इस्तेमाल किया गया, वे संसदीय गरिमा के खिलाफ थे और उन्हें कार्यवाही का हिस्सा नहीं बनना चाहिए था।
प्रदेश में धारा 118 के तहत होने वाले भूमि सौदों को लेकर भी जयराम ठाकुर ने सरकार को घेरा। उन्होंने इशारों-इशारों में कहा कि प्रदेश में जमीनों के सौदों को लेकर क्या खेल चल रहा है, इसका जल्द ही पर्दाफाश होने वाला है। उन्होंने सवाल उठाया कि वे कौन लोग हैं जो सीधे फाइलों को ‘बाई हैंड’ लेकर आ रहे हैं और दो दिन में काम करवाने का दावा कर रहे हैं। इन सब बातों से जल्द ही पर्दा उठने वाला है।
इसके अलावा, जयराम ठाकुर ने आपदा प्रभावितों के मुद्दे पर भी राजस्व मंत्री को आड़े हाथों लिया। उन्होंने बताया कि आपदा के दौरान सराज विधानसभा क्षेत्र में 33 लोगों की जान चली गई थी। इनमें से अभी तक केवल 11 लोगों के शव मिल पाए हैं, जबकि 22 लोग अब भी लापता हैं। ऐसे दुखद समय में मदद करने के बजाय राजस्व मंत्री ने आपदा प्रभावितों पर ही एफआईआर दर्ज करवा दी। उन्होंने बताया कि आपदा के दौरान तीन मामले दर्ज किए गए हैं, जो सरकार की संवेदनहीनता को दर्शाता है। जयराम ठाकुर ने चेतावनी देते हुए कहा कि इस सरकार का क्या हश्र होगा, यह आने वाला वक्त ही बताएगा।