लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राज्य को एक विकसित प्रदेश बनाने के लिए “समर्थ उत्तर प्रदेश विकसित उत्तर प्रदेश @2047- समृद्धि का शताब्दी पर्व महाभियान” के विजन पर सक्रिय रूप से कार्य कर रहे हैं। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने 2047 तक उत्तर प्रदेश को एक विकसित राज्य बनाने का दृढ़ संकल्प लिया है। इस व्यापक अभियान के तहत, प्रदेश के 75 जिलों में नोडल अधिकारियों और प्रबुद्ध जनों ने विभिन्न लक्षित समूहों जैसे छात्र, शिक्षक, व्यवसायी, उद्यमी, कृषक, स्वयंसेवी संगठन, श्रमिक संगठन, मीडिया और आम जनमानस के साथ संवाद किया। इस दौरान उन्हें विगत आठ वर्षों में प्रदेश की विकास यात्रा के संबंध में जानकारी दी गई और साथ ही विकास के रोडमैप पर चर्चा कर फीडबैक भी प्राप्त किया गया।
इसी अभियान के अंतर्गत, भारत की ऊर्जा राजधानी सोनभद्र से निशांत वर्मा ने एक महत्वपूर्ण सुझाव दिया है। उनका मानना है कि सोनभद्र, जिसे “भारत की ऊर्जा राजधानी” के रूप में जाना जाता है, 2047 तक एक प्रमुख पर्यावरण-सांस्कृतिक पर्यटन केंद्र बनने की अपार क्षमता रखता है। यह दृष्टिकोण भारत 2047 के लक्ष्य और संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) जैसे टिकाऊ शहरों (एसडीजी 11) और सभ्य कार्य (एसडीजी 8) का समर्थन करता है। सोनभद्र के अद्वितीय आकर्षण, जिनमें 1400 मिलियन वर्ष पुराने जीवाश्मों वाला सलखन जीवाश्म पार्क, मनमोहक लखनिया दरी जलप्रपात, विशाल रिहंद बांध और ऐतिहासिक विजयगढ़ किला शामिल हैं, एक एकीकृत पर्यटन सर्किट के लिए व्यापक संभावनाएं प्रदान करते हैं।
पीएम गति शक्ति योजना के तहत बेहतर सड़क और रेल संपर्क के साथ, सोनभद्र 2030 तक पर्यटकों के आगमन में 12-15% वार्षिक वृद्धि हासिल कर सकता है। इसका लक्ष्य 2047 तक सालाना 5-6 मिलियन पर्यटकों का आगमन करना है। यह महत्वाकांक्षी लक्ष्य न केवल सोनभद्र की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित करेगा। पर्यावरण-पर्यटन, साहसिक खेलों, सांस्कृतिक उत्सवों और आदिवासी हस्तशिल्प को बढ़ावा देने से समावेशी आजीविका का सृजन होगा, जिससे स्थानीय समुदायों को सीधा लाभ मिलेगा।
विरासत संरक्षण, बुनियादी ढांचे के विकास और सामुदायिक भागीदारी में संतुलन बनाकर, सोनभद्र पूर्वी उत्तर प्रदेश के पर्यटन प्रवेश द्वार के रूप में उभर सकता है। यह 2047 तक भारत की अनुमानित 1 ट्रिलियन डॉलर की पर्यटन अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देगा। यह विकास मॉडल न केवल आर्थिक समृद्धि लाएगा, बल्कि क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत को भी संरक्षित रखेगा। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ का यह विजन उत्तर प्रदेश को न केवल आर्थिक रूप से मजबूत बनाएगा, बल्कि पर्यटन और सांस्कृतिक पहचान के क्षेत्र में भी एक नई पहचान दिलाएगा, जिससे राज्य देश के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। सोनभद्र का यह प्रस्तावित परिवर्तन उत्तर प्रदेश के सर्वांगीण विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।