Cricket: भारतीय टीम के डब्‍ल्‍यूटीसी फाइनल में पहुंचने की राह मुश्किल 10 में से 7 टेस्ट जीतने होंगे

नई दिल्‍ली। भारतीय टीम को दक्षिण अफ्रीका के हाथों पहले टेस्ट में 30 रन की शिकस्त सहनी पड़ी, जिसके बाद उसके वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल में पहुंचने की राह मुश्किल हो गई है। टीम इंडिया ताजा डब्ल्यूटीसी प्‍वाइंट्स टेबल में चौथे स्थान पर है और उसके 10 टेस्ट बचे हैं।

टीम इंडिया के डब्ल्यूटीसी की मौजूदा साइकिल में 8 मैचों में 52 अंक और 54.17 अंक प्रतिशत हैं। शुभमन गिल के नेतृत्व वाली भारतीय टीम को अगर डब्ल्यूटीसी फाइनल में जगह बनानी है तो उसे आगे हार से बचना होगा और लगातार जीत दर्ज करनी होगी।

पता हो कि ऑस्ट्रेलियाई टीम इस समय डब्ल्यूटीसी प्‍वाइंट्स टेबल में शीर्ष स्थान पर काबिज है। दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका क्रमशः दूसरे व तीसरे स्थान पर हैं। भारतीय टीम चार जीत के बावजूद संघर्षरत है और घरेलू जमीन पर खराब प्रदर्शन उसके फाइनल में पहुंचने की राह में बाधा बन रहा है। यह भारतीय क्रिकेट के लिए चिंता का विषय है, खासकर तब जब वे फाइनल में जगह बनाने की उम्मीद कर रहे हैं।

भारत के डब्ल्यूटीसी फाइनल में पहुंचने की राह इस समय बेहद साधारण है: जीत। घरेलू जमीन पर ज्यादा से ज्यादा जीतने की जरूरत है। भारतीय टीम के मौजूदा डब्ल्यूटीसी साइकिल में 10 टेस्ट बचे हैं, जो तीन टेस्ट सीरीज में बटे हुए हैं। अंक के हिसाब से प्रत्येक सीरीज और मैच का वजन बना हुआ है, जिसका मतलब है कि हर मैच महत्वपूर्ण है।

भारत के बचे हुए टेस्ट मैच:

  • बनाम दक्षिण अफ्रीका (घर) – 1 टेस्ट (गुवाहाटी)

  • बनाम श्रीलंका (बाहर) – 2 टेस्ट

  • बनाम न्यूजीलैंड (बाहर) – 2 टेस्ट

  • बनाम ऑस्ट्रेलिया (घर) – 5 टेस्ट

इन 10 टेस्ट के कुल अंक 120 हैं। पूरी साइकिल की बात करें तो भारत को 18 मैच खेलने थे, जिसमें कुल 216 अंक हैं।

भारत को कितनी जीत की जरूरत

भारत के डब्ल्यूटीसी फाइनल में पहुंचने का गणित स्पष्ट है। मानकर चलें कि कोई मैच ड्रॉ नहीं हो तो भारत का निर्णायक प्रतिशत जीत पर निर्भर है। ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के मौजूदा फॉर्म को देखते हुए लगता है कि टॉप-2 पोजीशन के लिए 64-68 प्रतिशत कटऑफ जाएगा। इसका मतलब है कि भारत को आगामी 10 में से कम से कम सात टेस्ट जीतने होंगे। इसमें कुछ ड्रॉ मैच भी शामिल हैं, जिससे भारत का प्रतिशत 64-65 प्रतिशत पहुंच जाएगा। आठ जीत से भारत का प्रतिशत 68.52 होगा, जिससे फाइनल में पहुंचने की गारंटी लगभग तय होगी।

ड्रॉ मैच सिरदर्दी बढ़ाएंगे। मगर आसान भाषा में समझें तो भारत को आठ मैच जीतने होंगे, जिससे उसके 52 अंक होंगे और चार ड्रॉ। फिर इनके अंक को 216 से विभाजित करेंगे, जिससे प्रतिशत निकल आएगा। उदाहरण के लिए सात जीत, एक ड्रॉ और दो हार से अंक होंगे 140, जो 216 का 64.81 प्रतिशत होगा। भारत को अगर डब्ल्यूटीसी फाइनल में पहुंचना है तो उसे सात मैच जीतने होंगे। इसमें एक ड्रॉ और दो हार शामिल है, जिससे उसकी स्थिति मजबूत होगी।

 

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