Uttarpradesh: कैबिनेट के बड़े फैसले- बुजुर्गों को अब स्वत: मिलेगी पेंशन, किसानों को 40 हजार से ज्यादा सोलर पंप

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने नागरिकों के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं. अब प्रदेश के बुजुर्गों को पेंशन के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे. फैमिली आईडी पर उपलब्ध विवरण से समाज कल्याण विभाग खुद ही पात्र बुजुर्गों की पहचान करेगा और जिस महीने वे 60 वर्ष की आयु पूरी करेंगे, उसी महीने से उनकी वृद्धावस्था पेंशन अपने आप शुरू हो जाएगी. योगी कैबिनेट ने शुक्रवार को फैमिली आईडी ‘एक परिवार एक पहचान’ प्रणाली के तहत राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना में पात्र वृद्धजनों का स्वतः चिह्नीकरण करने की व्यवस्था लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इससे राज्य के सवा आठ लाख से अधिक बुजुर्गों को लाभ मिलेगा और सरकार योजना पर 990 करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्यय वहन करेगी.

कैबिनेट की बैठक के बाद पत्रकार वार्ता में समाज कल्याण राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार असीम अरुण ने बताया कि प्रदेश में राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत 67.50 लाख वरिष्ठ नागरिक वर्तमान में लाभ ले रहे हैं, लेकिन बहुत से पात्र बुजुर्ग आवेदन प्रक्रिया पूरी न कर पाने के कारण इससे वंचित हैं. इस समस्या को हल करने के लिए ही प्रदेश सरकार द्वारा बनाई गई फैमिली आईडी प्रणाली का प्रयोग किया जाएगा.

किसानों को 40 हजार से अधिक सोलर पंप का तोहफा

योगी सरकार ने राज्य के 40,521 हजार किसानों को भी तोहफा दिया है. वर्ष 2024-25 में प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम कुसुम) योजना के तहत बाकी रह गए सोलर पंप की स्थापना के लक्ष्य को चालू वित्तीय वर्ष में पूरा किया जाएगा. शुक्रवार को कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को भी स्वीकृति दे दी है.

प्रदेश में वर्ष 2019-20 से भारत सरकार के सहयोग से पीएम-कुसुम योजना का संचालन किया जा रहा है. योजना के तहत दो हॉर्सपावर से 7.5 हॉर्सपावर तक के सोलर पंप की स्थापना पर किसानों को मूल्य का 60 प्रतिशत अनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है. वहीं, 10 हॉर्सपावर के सोलर पंप स्थापित कराने पर भी 7.5 हॉर्सपावर के पंप के बराबर अनुदान दिया जाता है.

सरकार के अनुसार, वर्ष 2020-21 से मार्च 2025 तक 63,345 सोलर पंपों की स्थापना कराई गई है. इससे 1.49 लाख हेक्टेयर सिंचन क्षमता का सृजन हुआ है. प्रति वर्ष 5483.98 लाख यूनिट बिजली की बचत होती है और कार्बन उत्सर्जन में प्रति वर्ष 1.26 लाख टन की कमी आ रही है. इसके अलावा, डीजल पंप सेट को सोलर पंप से परिवर्तित होने से हर साल 877.50 लाख लीटर डीजल की भी बचत हुई है.

वित्तीय वर्ष 2024-25 में 28,811 कृषक प्रक्षेत्रों पर विभिन्न क्षमता के सोलर पंपों की स्थापना कराई गई थी, जबकि 40,521 हजार पंप की स्थापना का लक्ष्य शेष रह गया था. वहीं, चालू वित्तीय वर्ष में 45 हजार सोलर पंप की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है. कृषि विभाग ने वर्ष 2024-25 के शेष लक्ष्यों की चालू वित्तीय वर्ष में पूर्ति करने का प्रस्ताव दिया था, जिसे शुक्रवार को कैबिनेट ने स्वीकृति दे दी है.

इन सोलर पंप की स्थापना के लिए किसानों का चयन कृषि विभाग के पोर्टल के माध्यम से टोकन प्रक्रिया के आधार पर ‘पहले आओ-पहले पाओ’ की नीति से किया जाएगा. आवेदन के समय किसान को पांच हजार रुपये टोकन मनी के रूप में ऑनलाइन जमा करने होंगे. सोलर पंप के लिए बुकिंग, विभाग द्वारा जिलावार और क्षमतावार आवंटित लक्ष्यों की सीमा के अनुसार की जाएगी.

दिल्ली आतंकी हमले की निंदा और महिला क्रिकेट टीम को बधाई

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में शुक्रवार को लोक भवन में हुई यूपी कैबिनेट की बैठक में दिल्ली में लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए आतंकी हमले के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया गया. इसके साथ ही जनहानि पर शोक व्यक्त किया गया.

प्रदेश कैबिनेट ने दिल्ली में हाल ही में हुई आतंकी घटना की कड़ी निंदा की है. बैठक में कहा गया कि यह घटना देश की शांति और सुरक्षा पर हमला है. मुख्यमंत्री और कैबिनेट ने हमले में मारे गए और घायल हुए लोगों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की.

इसी बैठक में भारतीय महिला क्रिकेट टीम को वनडे विश्वकप में मिली ऐतिहासिक जीत पर भी बधाई दी गई. बैठक में टीम के जज्बे, अनुशासन और शानदार प्रदर्शन की सराहना करते हुए कहा गया कि खिलाड़ियों ने देश का गौरव बढ़ाया है. वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि यह जीत न केवल भारतीय क्रिकेट के लिए गर्व का क्षण है बल्कि देश की युवा बेटियों के लिए प्रेरणा का भी स्रोत है.

अन्य महत्वपूर्ण कैबिनेट निर्णय

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में शुक्रवार को लोक भवन में कैबिनेट की बैठक में 15 से अधिक प्रस्ताव रखे गए. इनमें एक प्रस्ताव वृद्धावस्था पेंशन में बदलाव का था, जिसमें पेंशन प्रक्रिया को आसान बनाया गया है. प्रदेश में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए प्लेज योजना में संशोधन का प्रस्ताव भी कैबिनेट के समक्ष रखा गया.

अशोक लीलैंड को लखनऊ में प्लांट लगाने के लिए अधिक भूमि देने संबंधी प्रस्ताव को भी स्वीकृति दी गई है. अभी उसे 70 एकड़ भूमि दी गई है. गन्ना मूल्य बढ़ाने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति मिली है. पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने गन्ना मूल्य 30 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाने की घोषणा की थी, अब इसका प्रस्ताव कैबिनेट बैठक में आया है. इसके साथ ही दस वर्ष तक की अवधि के किरायेदारी पट्टे पर स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन में छूट का प्रस्ताव है. खाद्य प्रसंस्करण निदेशालय के गठन का प्रस्ताव भी आया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘रिफॉर्म, परफॉर्म एंड ट्रांसफॉर्म’ के सिद्धांत पर चलते हुए यह निर्णय लिया गया है. सरकार का उद्देश्य इसके माध्यम से प्रदेश के हर एक पात्र वृद्ध को पेंशन योजना का लाभ देने का है. फैमिली आईडी से पात्र नागरिकों का चिन्हीकरण समाज कल्याण विभाग के पेंशन पोर्टल पर एपीआई द्वारा “पुश” किया जाएगा. ये वो नागरिक होंगे, जिनकी आयु अगले 90 दिन में 60 वर्ष की होने जा रही होगी, जिससे समय से पेंशन स्वीकृत हो सके. योजना का लाभ देने के लिए पात्र वृद्धजन से सहमति लेने में समाज कल्याण विभाग पहले डिजिटल माध्यम (एसएमएस, व्हाट्सएप, फोन कॉल आदि) से उनसे संपर्क करेगा.

स्वचालित चिन्हीकरण में पात्र नागरिक स्वयं या किसी के सहयोग से पेंशन पोर्टल पर जाकर अपनी सहमति एवं बायोमेट्रिक देंगे. यह कार्य ग्राम पंचायत सहायक या कॉमन सर्विस सेंटर से भी कराया जा सकेगा. कॉमन सर्विस सेंटर की डोर टू डोर सर्विस डिलीवरी की व्यवस्था भी उपलब्ध होगी. ऐसे आवेदन जिन पर पात्र नागरिक की सहमति डिजिटल माध्यम से प्राप्त नहीं होगी, उनसे विभागीय कर्मियों के माध्यम से भौतिक रूप से संपर्क कर सहमति प्राप्त की जाएगी. यदि भौतिक माध्यम से भी किसी वृद्धजन से सहमति प्राप्त नहीं होती, उन आवेदनों को प्रक्रिया से हटा दिया जाएगा.

उन्होंने बताया कि स्वीकृति एवं भुगतान प्रक्रिया में स्वचालित चिह्नीकरण, आवेदन एवं सहमति लेने के बाद योजना अधिकारी द्वारा पात्रता की पुष्टि के अनुरूप 15 दिवस के अंदर डिजिटल सिग्नेचर से स्वीकृति की कार्यवाही की जाएगी और स्वीकृति पत्र लाभार्थी को डाक द्वारा भेजा जाएगा. भुगतान वृद्धजनों के आधार से जुड़े बैंक खाते में किया जाएगा और उन्हें एसएमएस द्वारा प्रत्येक भुगतान की सूचना दी जाएगी. लाभार्थी के लिए एक ऐप होगी, जिसमें पासबुक की तरह भुगतान का विवरण होगा.

डेटा विश्लेषण से संदेह सूची में आने, जैसे कि इनकम टैक्स पेई होना आदि कारणों से पेंशन को अस्थाई रूप से रोका जा सकता है और संदेह दूर होने पर पुनः शुरू किया जा सकता है. लाभार्थी का वार्षिक जैवता प्रमाण न प्राप्त होने, निर्धारित सीमा से अधिक का आय प्रमाण पत्र जारी होने, लाभार्थी की मृत्यु होने की दशा में, लाभार्थी द्वारा स्वयं पेंशन का लाभ न लेने की संस्तुति देने और अपात्र होने के अन्य कारणों के आधार पर पेंशन बंद की जाएगी. विभाग जैवता प्रमाण पत्र के लिए मोबाइल ऐप की सुविधा भी देने जा रहा है. वहीं, गड़बड़ी रोकने के लिए विभाग डेटा विश्लेषण, गुणवत्ता नियंत्रण, शिकायतों को गंभीरता से लेने जैसे काम करेगा.

 

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