JK: जम्मू-कश्मीर में आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़, जैश और एजीयूएच से जुड़े सात गिरफ्तार

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने प्रतिबंधित संगठनों जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) और अंसार गजवत-उल-हिंद (एजीयूएच) से जुड़े एक अंतर-राज्यीय और अंतरराष्ट्रीय आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है। इस अभियान में कई राज्यों में समन्वित तलाशी के दौरान सात प्रमुख आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया है। इसके साथ ही, भारी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद और लगभग तीन टन आईईडी सामग्री बरामद की गई है।

इससे यह स्पष्ट होता है कि अंसार-गजवत-उल-हिंद जैश-ए-मोहम्मद की मदद से जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर अपनी सक्रियता बढ़ा रहा है। गिरफ्तार किए गए दो डॉक्टरों में से एक अनंतनाग का रहने वाला था और उसे शाहजहांपुर से पकड़ा गया था। दूसरा डॉक्टर, मुजम्मिल शकील, पुलवामा का रहने वाला है और उसे फरीदाबाद से गिरफ्तार किया गया है।

पुलिस अभी तक इस समूह के तीसरे डॉक्टर को पकड़ नहीं पाई है। एजीयूएच अल-कायदा से जुड़ा है, जिसकी स्थापना वर्ष 2017 में हुई थी। उस समय इस समूह का नेतृत्व कमांडर जाकिर मूसा कर रहा था।

अधिकारियों के अनुसार, यह कार्रवाई 19 अक्टूबर को श्रीनगर के बनपोरा नौगाम में विभिन्न स्थानों पर पुलिस और सुरक्षा बलों को धमकी देने वाले जैश-ए-मोहम्मद के पोस्टर मिलने के बाद की गई थी। नौगाम पुलिस स्टेशन में यूएपीए अधिनियम, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और शस्त्र अधिनियम सहित कई धाराओं के तहत एफआईआर संख्या 162/2025 दर्ज की गई और एक उच्च-स्तरीय जांच शुरू की गई।

जांच में अधिकारियों द्वारा “व्हाइट कॉलर आतंकवादी तंत्र” का पता चला, जो एक परिष्कृत नेटवर्क है। इसमें कट्टरपंथी पेशेवर और छात्र शामिल हैं। ये लोग कथित तौर पर पाकिस्तान और अन्य देशों से संचालित विदेशी आकाओं के संपर्क में हैं।

पुलिस ने बताया कि समूह ने समन्वय, विचारधारा, धन हस्तांतरण और रसद के लिए एन्क्रिप्टेड संचार चैनलों का इस्तेमाल किया। कथित तौर पर धन पेशेवर और शैक्षणिक हलकों के माध्यम से सामाजिक या धर्मार्थ कार्यों के नाम पर जुटाया गया था।

गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान:
“यह मॉड्यूल धन जुटाने, रसद की व्यवस्था करने और हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक सामग्री खरीदने के अलावा, व्यक्तियों की पहचान करने, उन्हें कट्टरपंथी बनाने और आतंकवादी समूहों में भर्ती करने में भी शामिल था।” गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान आरिफ निसार डार उर्फ साहिल निवासी नौगाम, श्रीनगर; यासिर-उल-अशरफ निवासी नौगाम, श्रीनगर; मकसूद अहमद डार उर्फ शाहिद निवासी नौगाम, श्रीनगर; मोलवी इरफान अहमद (मस्जिद के इमाम) निवासी शोपियां; जमीर अहमद अहंगर उर्फ मुतलाशा निवासी वाकुरा गांदरबल; डॉक्टर मुजम्मिल अहमद गनी उर्फ मुसैब निवासी कोइल, पुलवामा और डॉक्टर आदिल निवासी वानपोरा, कुलगाम के रूप में हुई है।

जम्मू-कश्मीर से लेकर उत्तर प्रदेश तक छापेमारी:
पुलिस सूत्रों ने बताया कि नेटवर्क से जुड़े और लोगों की भी पहचान कर ली गई है। बहुत जल्द उन्हें भी पकड़ लिया जाएगा। जांच के दौरान, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने श्रीनगर, अनंतनाग, गांदरबल और शोपियां में छापेमारी की। हरियाणा पुलिस के साथ मिलकर फरीदाबाद में और उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ सहारनपुर में भी समन्वित तलाशी ली गई।

2900 किलोग्राम विस्फोटक बरामद:
इस अभियान में दो पिस्तौल, दो एके-सीरीज राइफलें और 2,900 किलोग्राम विस्फोटक और आईईडी बनाने वाली सामग्री बरामद हुई। इसमें रसायन, अभिकर्मक, ज्वलनशील पदार्थ, इलेक्ट्रॉनिक सर्किट, रिमोट कंट्रोल, बैटरी, तार, टाइमर और धातु के टुकड़े शामिल थे। बरामद हथियारों में गोला-बारूद सहित एक चाइनीस स्टार पिस्तौल, गोला-बारूद सहित एक बेरेटा पिस्तौल, गोला-बारूद सहित एक एके-56 राइफल और गोला-बारूद सहित एक एके क्रिंकोव राइफल शामिल हैं।

एक बड़े हमले की थी योजना:
अधिकारियों ने कहा कि विस्फोटकों की भारी मात्रा एक बड़े सुनियोजित हमले की संभावना की ओर इशारा करती है, जिसे अब टाल दिया गया है। पुलिस ने कहा कि धन के प्रवाह का पता लगाने और स्थानीय तथा सीमा पार संबंधों की पहचान करने के लिए एक विस्तृत वित्तीय जांच चल रही है। एक अधिकारी ने कहा, “धन, समन्वय और आपूर्ति श्रृंखला के सभी पहलुओं का पता लगाया जा रहा है और उन पर शीघ्रता से ध्यान दिया जा रहा है।”

इस कार्रवाई को साल के सबसे बड़े आतंकवाद-रोधी अभियानों में से एक बताते हुए, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कहा कि यह सफलता गुप्त रूप से सक्रिय आतंकवादी नेटवर्क को ध्वस्त करने में बल के “कड़ी मेहनत और अदम्य दृढ़ संकल्प” को दर्शाती है। पुलिस प्रवक्ता ने कहा, “जम्मू-कश्मीर पुलिस आतंकवाद के अभिशाप को खत्म करने और क्षेत्र में शांति एवं सुरक्षा सुनिश्चित करने के अपने मिशन पर अडिग है।”

 

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