Uttarakhand: मुख्यमंत्री की घोषणाओं पर अधिकारी करें प्रोएक्टिव निगरानी: मुख्य सचिव

मुख्य सचिव आनंद बर्धन की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री की घोषणाओं की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। मुख्य सचिव ने संबंधित सचिवों, विभागाध्यक्षों और जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि वे पूर्ण हो चुकी, गतिमान और किसी विशेष मुद्दे के कारण अभी तक प्रारंभ नहीं की जा सकीं सभी मुख्यमंत्री घोषणाओं का पृथक-पृथक विवरण प्रस्तुत करें। इसमें गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस और राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर की गई सभी घोषणाएं भी शामिल होंगी।

उन्होंने गतिमान घोषणाओं की भौतिक और वित्तीय प्रगति का अपडेट तीन दिनों के भीतर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।

ऐसी घोषणाएं, जिन्हें किसी भी प्रकार के मुद्दे के कारण अभी तक प्रारंभ नहीं किया जा सका है, उनका विवरण, कार्य प्रारंभ न करने का कारण बताते हुए, सात दिनों के भीतर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए।

मुख्य सचिव ने निर्देशित किया कि गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस और राज्य स्थापना दिवस पर की गई मुख्यमंत्री की घोषणाओं की सूची अलग से तैयार की जाए और उन्हें उच्च प्राथमिकता में लेते हुए अग्रिम कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

उन्होंने संबंधित विभागों और जिलाधिकारियों को कहा कि ऐसी घोषणाएं, जिन्हें तत्काल प्रारंभ करने में कोई समस्या नहीं है, उनके तत्काल प्रस्ताव प्रस्तुत करें। जिन घोषणाओं को प्रारंभ करने में कोई समस्या है, उनकी प्रकृति बताते हुए उचित निराकरण हेतु प्रथम बार विभागीय सचिव स्तर से निस्तारित कराएं। यदि सचिव स्तर पर निस्तारण नहीं हो पाता है, तो उन्होंने उनके स्तर पर निराकरण हेतु प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने सचिव एस एन पांडेय को निर्देशित किया कि मुख्यमंत्री घोषणाओं की प्रगति तेजी से पूरी हो, इसके लिए निगरानी का प्रभावी मेकैनिज्म बनाएं। साथ ही, जिन विभागों की जिस घोषणा में प्रगति संतोषजनक न हो, उनको व्यक्तिगत अथवा दैनिक रूटीन से अवगत कराते हुए उसकी प्रगति बढ़ाएं।

मुख्यमंत्री की कुल 3575 घोषणाओं में से 2215 घोषणाएं पूर्ण हो चुकी हैं, 777 पर कार्रवाई गतिमान है तथा 583 घोषणाएं अपूर्ण हैं।

बैठक में अपर सचिव नवनीत पांडेय और जगदीश कां उपस्थित थे।

 

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