जम्मू/किश्तवाड़। जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में गुरुवार को बादल फटने से आई भीषण बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। मचैल माता यात्रा के शुरुआती बिंदु चिशौती गांव में हुए इस प्रलय में अब तक 28 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि कई अन्य के बाढ़ में बह जाने की आशंका है। इस विनाशकारी आपदा के बाद, प्रशासन ने प्रसिद्ध मचैल माता यात्रा को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया है और युद्ध स्तर पर बचाव एवं राहत कार्य चलाया जा रहा है।
यह आपदा गुरुवार दोपहर करीब 12 से 1 बजे के बीच उस समय आई, जब बड़ी संख्या में श्रद्धालु मचैल माता मंदिर के लिए चिशौती गांव में इकट्ठा हुए थे। 9,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह गांव मंदिर के लिए 8.5 किलोमीटर की पैदल यात्रा का आधार शिविर है। बादल फटने के बाद अचानक आए सैलाब ने अपने रास्ते में आने वाले लंगरों, दुकानों, घरों और एक सुरक्षा चौकी को भी अपनी चपेट में ले लिया।
बचाव कार्य और प्रशासनिक कदम
घटना की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन, पुलिस, सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य में जुट गईं। उधमपुर से एनडीआरएफ की दो विशेष टीमों को तुरंत घटनास्थल के लिए रवाना किया गया। घटनास्थल किश्तवाड़ मुख्यालय से लगभग 90 किलोमीटर दूर होने के कारण बचाव दलों को वहां पहुंचने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। बाढ़ के कारण गांव को जोड़ने वाले दोनों पुल भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जिससे राहत कार्यों में और बाधा आ रही है। प्रशासन ने स्थिति से निपटने के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं।
उच्च-स्तरीय प्रतिक्रियाएं और संवेदनाएं
इस घटना पर केंद्र और राज्य सरकार की सीधी नजर है। पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बात कर उन्हें स्थिति की गंभीरता से अवगत कराया। वहीं, जेकेएनसी प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने इस घटना को ग्लोबल वार्मिंग से जोड़ते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मुद्दे को गंभीरता से लेने की अपील की।
केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने किश्तवाड़ के उपायुक्त से बात कर हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए ट्वीट किया, “चोसिटी किश्तवाड़ में बादल फटने की घटना से व्यथित हूं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।” उन्होंने सभी बचाव एजेंसियों को राहत अभियान तेज करने और प्रभावितों को हर संभव सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया है।
अधिकारियों का कहना है कि मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है क्योंकि कई लोग अभी भी लापता हैं। फिलहाल, बचाव दल मलबे में दबे लोगों की तलाश कर रहे हैं और नुकसान का पूरा आकलन किया जा रहा है।
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