China: ट्रंप की चीन नीति अमेरिका के लिए बनी सिरदर्द, बीजिंग को हो रहा फायदा

नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीन के साथ की गई नई व्यापारिक डील अमेरिका के लिए नुकसानदेह साबित हो रही है, जबकि बीजिंग को इसका भरपूर फायदा मिल रहा है. बढ़ते व्यापार युद्ध को शांत करने के उद्देश्य से ट्रंप ने चीन पर लगी 20% फेंटानिल से जुड़ी टैरिफ को आधा कर दिया और कई बड़ी चीनी कंपनियों पर लगने वाले प्रतिबंधों को भी टाल दिया.

इसके विपरीत, ट्रंप ने कनाडा जैसे सहयोगी देशों पर और ज्यादा टैरिफ बढ़ा दिए. इसका सीधा नतीजा यह हुआ कि चीन को अमेरिकी बाजार तक सस्ता और आसान रास्ता मिल गया, जबकि अमेरिकी उद्योग और कामगारों पर इसका नकारात्मक असर पड़ा हैट्र.

आर्थिक विशेषज्ञों के मुताबिक, ट्रंप के लगातार बदलते टैरिफ ने वैश्विक स्तर पर भरोसा तोड़ा है. अब कई देशों को अमेरिका एक अस्थिर साझेदार लग: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीन के साथ की गई नई व्यापारिक डील अमेरिका के लिए नुकसानदेह साबित हो रही है, जबकि बीजिंग को इससे फायदा मिल रहा है. बढ़ते व्यापार युद्ध को शांत करने के उद्देश्य से ट्रंप ने चीन पर लगी 2 रहा है, जबकि चीन ने लंबी रणनीति से खेलते हुए अपनी पकड़ मजबूत कर ली है.

‘डिकपलिंग’ की जगह बढ़ी चीन पर निर्भरता

ट्रंप के भाषणों के बावजूद, उनके0% फेंटानिल से जुड़ी टैरिफ को आधा कर दिया और कई बड़ी चीनी कंपनियों पर लगने वाले प्रतिबंधों को भी टाल दिया. इसके विपरीत, ट्रंप प्रशासन ने कनाडा जैसे सहयोगी देशों पर टैरिफ बढ़ा दिए हैं कदमों ने चीन को और मजबूती दी है. चीन पर टैरिफ अब कई सहयोगी देशों से कम हैं. चीन का ‘रेयरअर्थ’ पर नियंत्रण बरकरार है, और अमेरिकी कंपनियां चीन से कम नहीं,, जिसके परिणामस्वरूप चीन को अमेरिकी बाजार तक सस्ता और आसान रास्ता मिल गया है. इसका सीधा नकारात्मक असर अमेरिकी उद्योगों और कामगारों पर पड़ा है.

ट्रंप की योजना हुई उल्टी:

ट्रंप का मुख्य लक्ष्य चीन की मैन्युफैक्चरिंग ताकत को कमजोर कर अमेरिका की उद्योग व्यवस्था को मजबूत करना था. हालांकि, उनकी नीतियां उल्टी पड़ गई हैं. अमेरिकी कंपनियां अब चीन से बाहर निकलने के बजाय उसी पर निर्भर हो रही हैं. वॉशिंगटन के व्यापारी ट्रैविस मैकमा बल्कि ज़्यादा जुड़ रही हैं.

अंतर्राष्ट्रीय विश्लेषक ब्रैड सेट्सर ने कहा, “यह टैरिफ नीति चीन से उद्योग हटाने की बजाय उसी में और फंसा रही है.” वहीं यूएस-चाइना बिजनेस काउंसिल के सीन स्टीन का कहना है, “कहीं और चीन जैसी उत्पादन व्यवस्था नहीं मिलती.”

चीन का पलटवार

चीन अब हर अमेरिकी दबाव का जवाब दे रहा है, चाहे वह सोयाबीन हो या सेमीकंडक्टर. जब ट्रंप ने 100% टैरिफ की धमकी दी, तो चीन ने अपने बंदरगाह शुल्क बढ़ा दिए. जब अमेरिकी कंपनियों परस्टर ने कहा, “मैं अब चीन से बाहर निकलने की कोशिश में और समय नहीं गंवाऊंगा.” आर्थिक विशेषज्ञों के अनुसार, ट्रंप के लगातार बदलते टैरिफ ने अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में विश्वास तोड़ा है. अब कई देशों को अमेरिका एक अस्थिर प्रतिबंध लगे, तो चीन ने एनविडिया और क्वालकॉम जैसी कंपनियों पर जांच शुरू कर दी. और जब ट्रंप ने फेंटानिल को लेकर दबाव डाला, तो चीन ने सीमित सहयोग के बदले टै साझेदार के रूप में दिख रहा है, जबकि चीन ने लंबी रणनीति अपनाते हुए अपनी पकड़ मजबूत कर ली है.

रेयर अर्थ पर चीन की पकड़

दुनिया के 85% रेयर अर्थ धातु चीन के नियंत्रण में हैं, जो मोबाइल से लेकर जेट तक हर चीज, उनके कदमों ने चीन को और मजबूती प्रदान की है. चीन पर लगाए गए टैरिफ अब कई सहयोगी देशों से कम हैं. चीन का ‘रेयर अर्थ’ पर नियंत्रण बरकरार है, और अमेरिकी कंपनियां चीन से कम नहीं, बल्कि ज्यादा में जरूरी हैं. ट्रंप ने 100% टैरिफ लगाने की धमकी दी थी, लेकिन चीन ने संकेत दिया कि वह आपूर्ति रोक सकता है, जिससे अमेरिकी टेक और ऑटो उद्योग ठप हो जाता जुड़ रही हैं. अंतर्राष्ट्रीय विश्लेषक ब्रैड सेट्सर ने कहा, “यह टैरिफ नीति चीन से उद्योग हटाने की बजाय उसी में और फंसा रही है.” वहीं, यूएस-चाइना बिजनेस काउंसिल के सीन स्टीन का कहना है कि चीन जैसी उत्पादन व्यवस्था कहीं और नहीं मिलती, जो अमेरिकी कंपनियों की निर्भरता का एक बड़ा कारण है.

सहयोगी देशों पर बढ़ा बोझ

ट्रंप ने भारत, ब्राज़ील और कनाडा जैसे सहयोगियों पर चीन से ज्यादा टैरिफ लगा दिए. भारत और ब्राज़ील पर 50% तक, कनाडा पर 35%, जबकि चीन के फेंटानिल पर सिर्फ 10%. यह टैरिफ नीति अमेरिका के दोस्तों को नुकसान पहुंचा रही है और चीन को राहत दे रही है. सोयाबीन हो या सेमीकंडक्टर. जब ट्रंप ने 100% टैरिफ की धमकी दी, तो चीन ने अपने बंदरगाह शुल्क बढ़ा दिए. जब अमेरिकी कंपनियों पर प्रतिबंध लगे, तो चीन ने एनविडिया और क्वालकॉम जैसी कंपनियों पर जांच शुरू कर दी. और जब ट्रंप ने फेंटानिल को लेकर दबाव डाला, तो चीन ने सीमित सहयोग के बदले टैरिफ में बड़ी राहत हासिल कर ली.

रेयर अर्थ पर चीन की मजबूत पकड़:

दुनिया के 85% रेयर अर्थ धातु चीन के नियंत्रण में हैं, जो मोबाइल से लेकर जेट तक हर चीज में जरूरी हैं. ट्रंप ने 100% टैरिफ लगाने की धमकी दी थी

 

Pls reaD:US: “दुनिया को 150 बार तबाह किया जा सकता है,”- ट्रंप ने की परमाणु परीक्षणों की वकालत

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *