नई दिल्ली। रूस और यूक्रेन के बीच तीन साल से अधिक समय से जारी युद्ध के बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। गुरुवार को दक्षिणी रूस में एक विदेश नीति मंच को संबोधित करते हुए पुतिन ने यूरोप के सैन्यीकरण का महत्वपूर्ण जवाब देने का वादा किया है।
रूस द्वारा यूक्रेन में सेना भेजने के बाद रूस और यूरोपीय संघ के बीच संबंधों में गिरावट आई है, जिसके कारण यूरोपीय संघ को अपनी रक्षा को मजबूत करना पड़ा है। रूसी राष्ट्रपति ने कहा, “हम यूरोप के बढ़ते सैन्यीकरण पर कड़ी नजर रख रहे हैं। रूस द्वारा जवाबी कार्रवाई में ज्यादा समय नहीं लगेगा। ऐसे खतरों का जवाब बहुत महत्वपूर्ण होगा।” उन्होंने आगे कहा कि रूस कभी भी कमजोरी या अनिर्णय नहीं दिखाएगा।
डेनमार्क में ड्रोन हमलों और मॉस्को द्वारा एस्टोनिया और पोलैंड में हवाई घुसपैठ ने इस आशंका को और बढ़ा दिया है कि यूक्रेन के खिलाफ रूस का युद्ध यूरोप की सीमाओं से आगे बढ़ सकता है।
ट्रंप पर पुतिन का कटाक्ष
अपने संबोधन के दौरान पुतिन ने यूरोप पर बढ़ते सैन्य खर्च का बहाना बनाने के लिए “उन्माद भड़काने” का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि रूस कोई खतरा नहीं है और रूसी राष्ट्रपति ने सभी से शांत रहने को कहा।
पुतिन ने दावा किया कि रूस यूक्रेन में नाटो गठबंधन से लड़ रहा है। वहीं, इस दौरान पुतिन ने अमेरिकी राष्ट्रपति के उस बयान का भी मजाक उड़ाया, जिसमें कहा गया कि रूस एक कागजी शेर है। पुतिन का दावा है कि “यह देखते हुए कि हम पूरे नाटो समूह के साथ युद्ध में हैं और आगे बढ़ रहे हैं, आत्मविश्वास से भरे हुए हैं, और फिर भी हमें कागजी शेर कहा जा रहा है, तो फिर नाटो क्या है?”
भारत को लेकर पुतिन ने क्या कहा?
पुतिन ने अमेरिका की ओर से भारत पर बनाए जा रहे दबाव का भी जिक्र किया, जिसमें तेल खरीद शामिल है। पुतिन का कहना है कि अगर भारत हमारी ऊर्जा आपूर्ति से इनकार करता है, तो उसको ही नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि भारत की जनता अपने देश की सरकार के फैसले पर नजर रखे हुए है और भारत किसी के सामने अपमान नहीं सहेगा। इसके अलावा अपने संबोधन में पुतिन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोई भी अपमानजनक कदम नहीं उठाएंगे।
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