लखनऊ: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार का ‘मिशन रोजगार’ युवाओं को नौकरी देने की दिशा में लगातार नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। इसी कड़ी में बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकभवन सभागार में आयोजित एक कार्यक्रम में बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग में नवचयनित 2,425 मुख्य सेविकाओं और 13 फार्मासिस्टों को नियुक्ति पत्र सौंपे। यह आयोजन पिछले दो दशकों में बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग में हुई सबसे बड़ी नियुक्तियों में से एक है, जो महिलाओं के सशक्तिकरण और स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इस भर्ती प्रक्रिया को उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) ने निष्पक्षता के साथ संपन्न कराया है।
इस अवसर पर नवचयनित सभी अभ्यर्थियों को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में 19,424 आंगनबाड़ी कार्यकत्री की नियुक्ति पहले ही संपन्न हो चुकी है। उन्होंने इस प्रक्रिया की निष्पक्षता पर जोर देते हुए कहा कि इसी पारदर्शी चयन प्रक्रिया के तहत लखीमपुर खीरी और नेपाल सीमा के जंगल से थारू बेटी का चयन हो रहा है। उन्होंने कहा कि “अगर दुधवा नेशनल पार्क के जंगलों के बीच थारू जनजाति से जुड़ी कोई बेटी चयनित हो जाती है, तो मानकर चलिए चयन की प्रक्रिया पारदर्शी हुई है।” मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि आजमगढ़, अमरोहा, बिजनौर, शामली, ललितपुर, जालौन, सोनभद्र जैसे सुदूर जनपदों से बेटियों का चयन यह दर्शाता है कि प्रक्रिया पूरी तरह से निष्पक्ष थी।
मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि पहले जिन लोगों तक नौकरी नहीं पहुंच पाती थी और योजनाएं नहीं पहुंच पाई थीं, आज उन तक नौकरी पहुंच रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 22,290 मिनी आंगनबाड़ी को मुख्य आंगनबाड़ी में परिवर्तित किया गया है और सभी को इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी का हिस्सा बनना होगा। योगी आदित्यनाथ ने महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए बताया कि यूपी पुलिस में 12,045 बेटियों की भर्ती हुई है, और पिछले आठ वर्षों में 40 हजार से अधिक बेटियां यूपी पुलिस में भर्ती हुई हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रत्येक युवा के मन में एक सपना होता है, और सरकार उस सपने को मंच देने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि जब युवा भेदभाव, बेईमानी और भ्रष्टाचार का शिकार होता है तो यह राष्ट्र के लिए बड़ी क्षति होती है। उन्होंने 2017 से पहले की नियुक्तियों में “बंदरबांट, बेईमानी, भ्रष्टाचार और न्यायालय के हस्तक्षेप” का जिक्र किया। उन्होंने आरोप लगाया कि “बेईमान राजनीतिक दलों ने यूपी को बीमारू बनाया था और युवाओं और यूपी के सामने पहचान का संकट खड़ा हुआ था।” मुख्यमंत्री ने बताया कि कभी देश की जीडीपी में यूपी का 14 प्रतिशत योगदान था, लेकिन 1990 के बाद गिरावट से 2017 में यह योगदान आठ फीसदी रह गया था।
आठ वर्षों में बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की शानदार उपलब्धियां
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले आठ वर्षों में बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग ने कई उल्लेखनीय कदम उठाए हैं:
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जिला कार्यक्रम अधिकारी के 6 पदों और बाल विकास परियोजना अधिकारी के 200 से अधिक पदों पर लोक सेवा आयोग के जरिए पदोन्नति पूरी की गई।
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75 जनपदों में 19,424 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की भर्ती हो चुकी है।
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3000 से अधिक सहायिकाओं को कार्यकत्री पद पर पदोन्नति दी गई।
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मिनी आंगनबाड़ी की 22,290 कार्यकत्रियों को मुख्य आंगनबाड़ी में तब्दील कर उनका मानदेय 5500 रुपये से बढ़ाकर 8000 रुपये किया गया।
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दो साल पहले 320 मानदेय कर्मियों को नियमित सेवा में लिया गया, जो विभाग की एक बड़ी उपलब्धि रही।
ये नियुक्तियां और विभागीय सुधार योगी सरकार के ‘मिशन रोजगार’ और महिला सशक्तिकरण के एजेंडे को आगे बढ़ाते हैं, जिससे प्रदेश में युवाओं और विशेषकर महिलाओं के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित हो रहे हैं।
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