शिमला: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने घोषणा की है कि प्रदेश के स्थानीय दूध उत्पादकों को बल्क मिल्क कूलर चलाने का कार्य सौंपा जाएगा। इस कदम का उद्देश्य दूध की गुणवत्ता बनाए रखना है, जिसके लिए सरकार उन्हें कमीशन प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री ने यह जानकारी विधानसभा में विधायक लोकेंद्र कुमार द्वारा उठाए गए एक मुद्दे के जवाब में दी।
विधायक लोकेंद्र कुमार ने दुग्ध चिलिंग प्लांट में तकनीकी खराबी के कारण हजारों लीटर दूध बर्बाद होने का मामला उठाया था। इस पर कृषि मंत्री प्रो. चंद्र कुमार ने सदन को बताया कि मिल्क कूलर में कोई तकनीकी खराबी नहीं थी, बल्कि बिजली बोर्ड की सिंगल लाइन के कारण वोल्टेज की कमी थी। इस घटना से 221 उत्पादकों को कुल 77 हजार रुपये का नुकसान हुआ है। मंत्री ने सभी प्लांट प्रमुखों को भविष्य में ऐसी समस्याओं से बचने के लिए उचित रखरखाव के निर्देश दिए हैं।
इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने बताया कि 3 हजार करोड़ रुपये की प्रौद्योगिकी आधारित परियोजना तैयार की गई है, जिससे राज्य में अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध होंगी। भाजपा विधायक डॉ. जानकराज के प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने बताया कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के तहत ‘ICMR स्टेमी एक्ट प्रोजेक्ट’ 1 जनवरी 2020 से प्रारंभ हुआ था। इस परियोजना के तहत हृदयाघात के लिए आवश्यक टेनेक्टेप्लेस इंजेक्शन की खरीद के लिए 71 लाख रुपये प्राप्त हुए थे। हालांकि, इंजेक्शन की एक्सपायरी डेट के कारण अधिक मात्रा में खरीद नहीं की गई। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि यह प्रोजेक्ट मई 2025 में समाप्त होगा और ICMR ने अप्रयुक्त राशि ब्याज सहित वापस मांगी है। डॉ. जानकराज ने प्रदेश में हृदयाघात से होने वाली मौतों का मुद्दा उठाया था, जिस पर मुख्यमंत्री ने यह जानकारी दी।