शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में बुधवार को जिला चंबा के भरमौर विधानसभा क्षेत्र स्थित एक अनाथ आश्रम में एक बच्ची के साथ हुए कथित दुष्कर्म और अमानवीय व्यवहार का मामला जोरदार ढंग से उठाया गया। भरमौर के विधायक डॉ. जनक राज ने शून्यकाल के दौरान इस गंभीर मुद्दे को उठाते हुए सरकार से न केवल दोषियों के खिलाफ, बल्कि इस मामले में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर भी सख्त कार्रवाई की मांग की।
विधायक डॉ. जनक राज ने कहा कि इस गंभीर घटना की चर्चा पूरे इलाके में थी, ऐसे में संबंधित अधिकारियों को इसकी जानकारी न होना गंभीर लापरवाही दर्शाता है। उन्होंने सदन को बताया कि उन्होंने पहले इस मामले की शिकायत जिला उपायुक्त और क्षेत्रीय पुलिस अधिकारियों से की थी, लेकिन तब त्वरित कार्रवाई नहीं की गई। इसके बाद उन्हें मुख्यमंत्री से भी हस्तक्षेप की मांग करनी पड़ी।
मुख्यमंत्री बोले- एडीजीपी को दिए निर्देश
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस मामले पर जवाब देते हुए कहा कि जैसे ही उन्हें इसकी जानकारी मिली, उन्होंने तुरंत अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) को निर्देश जारी किए। मुख्यमंत्री ने बताया कि पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पीड़िता से संपर्क साधा और उसकी शिकायत के आधार पर प्राथमिकी (FIR) दर्ज की।
दोषियों को कड़ी सजा दिलाई जाएगी: शांडिल
मामले की गंभीरता को स्वीकार करते हुए, सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल ने भी कहा कि पुलिस सख्त कार्रवाई कर रही है और इस मामले में दो आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाएगी। इस घटना ने राज्य में बच्चों की सुरक्षा और अधिकारियों की जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।