पद्धर (मंडी)। हिमाचल प्रदेश में बारिश का दौर कुछ हद तक धीमा पड़ा है, लेकिन भूस्खलन की घटनाओं का सिलसिला अभी थमा नहीं है। जिला मंडी के बरोट क्षेत्र में भूस्खलन के कारण एक बड़ा होटल क्षतिग्रस्त हो गया है, जबकि मैगल के समीप भूस्खलन से अवरुद्ध हुआ मंडी-पठानकोट राष्ट्रीय उच्च मार्ग देर रात तक चले प्रयासों के बाद बहाल कर दिया गया है।
होटल को भारी नुकसान, जानमाल का नुकसान टला
हिमाचल के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल बरोट में बुधवार देर रात करीब एक बजकर 40 मिनट पर पहाड़ी से हुए भीषण भूस्खलन की चपेट में होटल आरके पैलेस आ गया। गनीमत रही कि इस हादसे में किसी प्रकार का जानी नुकसान नहीं हुआ, क्योंकि उस समय होटल का पूरा स्टाफ गहरी नींद में था। भूस्खलन के कारण आधा दर्जन के करीब देवदार के विशाल पेड़ जड़ से उखड़ गए। इनमें से दो बड़े पेड़ सीधे होटल की छत पर आ गिरे, जिससे होटल की छत की रेलिंग और रेस्टोरेंट का दरवाजा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। इसके अलावा, होटल मालिक भरत भूषण की कार भी मलबे में दब गई। इस घटना से बरोट-लोहारड़ी मार्ग भी बाधित हो गया है और यातायात पूरी तरह से ठप है। लोक निर्माण विभाग (PWD) की टीम मौके पर पहुंच गई है और जल्द ही मार्ग बहाल करने के प्रयास शुरू किए जाएंगे। बरोट पंचायत प्रधान डॉ. रमेश ठाकुर ने उपमंडल प्रशासन को नुकसान की सूचना दे दी है।
मंडी-पठानकोट NH बहाली, सतर्कता के निर्देश
मैगल के समीप लवांडी नाला के पास सड़क धंसने से अवरुद्ध हुए मंडी-पठानकोट राष्ट्रीय उच्च मार्ग को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) और गावर कंस्ट्रक्शन कंपनी ने देर रात तक अथक प्रयासों के बाद बहाल कर दिया है। मौसम साफ होने के कारण यह मार्ग बहाली मुमकिन हो पाई। एहतियातन, घटनास्थल के दोनों छोर पर कंपनी के कर्मचारी तैनात किए गए हैं, जो भारी वाहनों को सावधानीपूर्वक गुजरने की हिदायत दे रहे हैं।
अपर जिलाधिकारी (ADM) मंडी डॉ. मदन कुमार ने बुधवार को स्थल का निरीक्षण कर NHAI को युद्धस्तर पर कार्य करने के निर्देश दिए थे। उनके दिशा-निर्देशों के बाद NHAI और गावर कंपनी ने राहत कार्य तेजी से शुरू किया। देर रात तक जारी कार्यों के बाद बुधवार सुबह से छोटे-बड़े सभी वाहन सुचारू रूप से गुजर रहे हैं। प्रशासन ने भारी वाहन चालकों से विशेष सावधानी बरतने की अपील की है। एसडीएम मंडी रूपिंद्र कौर ने भी लोगों को मौसम को ध्यान में रखते हुए सतर्क रहकर आवाजाही करने की सलाह दी है। स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली कि समय रहते मलबा थम गया, अन्यथा एक बड़ा हादसा हो सकता था।
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