यरुशलम। गाजा पट्टी में जारी भीषण संघर्ष को समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, इजरायल अब हमास द्वारा दिए गए युद्ध विराम प्रस्ताव के जवाब का गहन अध्ययन कर रहा है। इस प्रस्ताव में 60 दिनों के व्यापक युद्ध विराम के साथ-साथ गाजा में बंधक बनाए गए आधे इजरायली बंधकों की रिहाई का प्रावधान भी शामिल है। इस बहुप्रतीक्षित सौदे के बदले में, इजरायल को अपनी जेलों में बंद कुछ फलस्तीनी कैदियों को छोड़ना होगा। यह घटनाक्रम गाजा में 22 महीने से चल रहे संघर्ष के बीच आया है, जिसने अब तक 62,000 से अधिक फलस्तीनियों की जान ले ली है, जिससे मानवीय संकट गहरा गया है।
सोमवार को, मिस्र के अधिकारियों ने घोषणा की थी कि हमास ने इस नए प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है, जिससे शांति की उम्मीदें बढ़ गई थीं। मंगलवार को दो अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की कि इजरायल वर्तमान में हमास के जवाब का अध्ययन कर रहा है, जो प्रस्ताव की शर्तों पर अंतिम निर्णय लेने से पहले सभी पहलुओं पर विचार करने का संकेत देता है।
इस बीच, मिस्र और कतर, जो इस संघर्ष में प्रमुख मध्यस्थ की भूमिका निभा रहे हैं, ने अमेरिका समर्थित युद्ध विराम प्रस्ताव पर सभी पक्षों के बीच परोक्ष वार्ता को फिर से शुरू करने के प्रयास तेज कर दिए हैं। इन वार्ताओं का उद्देश्य एक स्थायी समाधान तक पहुंचना है जो गाजा में हिंसा को समाप्त कर सके और मानवीय सहायता की पहुँच सुनिश्चित कर सके।
हमास के एक अधिकारी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, इस प्रस्ताव में इजरायली जेलों में बंद 200 फलस्तीनी कैदियों की रिहाई शामिल है। बदले में, गाजा से 10 इजरायली बंधकों को रिहा किया जाएगा। यह कैदी-बंधक अदला-बदली इस संघर्ष में एक प्रमुख विवादास्पद बिंदु रही है, और इस प्रस्ताव में एक संभावित मार्ग प्रदान किया गया है। मिस्र के दो सुरक्षा सूत्रों ने यह भी बताया है कि हमास ने गाजा के सैकड़ों अन्य कैदियों की रिहाई की भी मांग की है, जो इजरायली जेलों में बंद हैं।
प्रस्ताव की शर्तों में गाजा से इजरायली बलों की आंशिक वापसी भी शामिल है। वर्तमान में इजरायल का गाजा पट्टी के लगभग 75 प्रतिशत हिस्से पर नियंत्रण है, और किसी भी तरह की वापसी शांति प्रक्रिया के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगी। इसके अतिरिक्त, इस प्रस्ताव में मानवीय सहायता में वृद्धि की भी बात की गई है, क्योंकि गाजा में करीब 20 लाख लोग गंभीर भुखमरी का सामना कर रहे हैं, जिससे एक विकट मानवीय संकट उत्पन्न हो गया है। मानवीय सहायता की तत्काल आवश्यकता को देखते हुए, यह शर्त संघर्षग्रस्त क्षेत्र में जीवन बचाने के लिए महत्वपूर्ण है।
सूत्रों ने बताया कि यह नया प्रस्ताव अमेरिकी विशेष दूत स्टीव विटकोफ द्वारा प्रस्तुत की गई योजना के अनुरूप है, जिसे इजरायल ने पहले ही स्वीकार कर लिया था। यह दर्शाता है कि मौजूदा प्रस्ताव दोनों पक्षों के लिए स्वीकार्य ढांचे के भीतर आता है। मध्यस्थों ने इस नए प्रस्ताव पर काहिरा में हमास प्रतिनिधियों, कतर के प्रधान मंत्री अब्दुलरहमान अल थानी और मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल-सीसी के साथ बैठक की और गहन चर्चा की। इन उच्च-स्तरीय वार्ताओं से उम्मीद है कि वे दोनों पक्षों के बीच मतभेदों को पाटने और गाजा में शांति स्थापित करने के लिए एक रास्ता खोजने में मदद करेंगी। सभी की निगाहें अब इजरायल के अंतिम जवाब पर टिकी हैं, जो इस क्षेत्र में शांति की दिशा में अगला कदम निर्धारित करेगा।
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