शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा का बहुप्रतीक्षित मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है, जिसमें मुद्दों की बौछार देखने को मिलेगी। इस सत्र में प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान और प्रभावित परिवारों को राहत प्रदान करने का मुद्दा प्रमुखता से छाया रहेगा। विपक्ष कांग्रेस सरकार को वित्तीय संकट, नशा तस्करी, बेरोजगारी, अवैध खनन और राज्य की कानून-व्यवस्था जैसे विभिन्न मुद्दों पर घेरने की तैयारी में है। वहीं, सत्ताधारी कांग्रेस सरकार अपने कार्यकाल की उपलब्धियों का बखान करेगी और केंद्र सरकार द्वारा कथित उपेक्षा पर पलटवार करेगी।
सत्र के प्रमुख मुद्दे:
सदन में उठाए जाने वाले मुख्य मुद्दों में प्राकृतिक आपदाओं से हुए भारी नुकसान, प्रभावित परिवारों के पुनर्वास, आपदा प्रबंधन के प्रयासों की समीक्षा, स्कूलों के विलय का मुद्दा, सड़कों और पुलों के निर्माण की धीमी गति, विभिन्न सरकारी विभागों में रिक्त पदों की पूर्ति, युवाओं में बढ़ती नशे की समस्या और कर्मचारियों के बकाया भुगतान शामिल हैं।
सर्वदलीय बैठक और विधानसभा अध्यक्ष का बयान:
सत्र की शुरुआत से पहले सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच सामंजस्य स्थापित करने के उद्देश्य से एक सर्वदलीय बैठक आयोजित की जाएगी। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने इस बैठक की जानकारी दी, जिसमें संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, उपमुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया और भाजपा विधायक दल के मुख्य सचेतक सुखराम चौधरी को आमंत्रित किया गया है। पठानिया ने जोर देकर कहा कि सत्र का समय जनहित से जुड़े विषयों पर सार्थक चर्चा के लिए उपयोग होना चाहिए और आम जनता की अपेक्षा है कि चुने हुए प्रतिनिधि उनकी समस्याओं का समाधान करें। विधानसभा सचिवालय को अब तक कुल 981 सूचनाएं प्राप्त हुई हैं, जिनमें 793 तारांकित और 188 अतारांकित प्रश्न शामिल हैं।
ऐतिहासिक और लंबा सत्र:
इस बार का मानसून सत्र विशेष होगा, जो 18 अगस्त (सोमवार) को दोपहर दो बजे शुरू होगा और दो सितंबर तक चलेगा। यह 14वीं विधानसभा का नौवां सत्र है, जिसमें कुल 12 बैठकें आयोजित की जाएंगी। विधानसभा के इतिहास में यह चौथा सबसे बड़ा मानसून सत्र है। इससे पहले, वर्ष 1962 में प्रथम विधानसभा की 13 बैठकें, वर्ष 1968 में द्वितीय विधानसभा की 15 बैठकें और वर्ष 2009 में 11वीं विधानसभा में मानसून सत्र की 17 बैठकें आयोजित की गई थीं।
पहले दिन शोक संवेदना:
सत्र के पहले दिन जिला ऊना के चिंतपूर्णी से पूर्व विधायक गणेश दत्त भरवाल के निधन पर शोक संवेदनाएं प्रस्तुत की जाएंगी। इस अवसर पर सदन के नेता, उप नेता और अन्य सदस्य उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।
कड़ी सुरक्षा व्यवस्था:
मानसून सत्र के मद्देनजर विधानसभा परिसर और उसके आसपास सुरक्षा व्यवस्था को बेहद कड़ा कर दिया गया है। 900 से अधिक पुलिसकर्मी सुरक्षा का जिम्मा संभालेंगे। रविवार को विधानसभा के आसपास सुरक्षा का कड़ा पहरा देखा गया। पुलिस विभाग ड्रोन कैमरों के माध्यम से भी सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करेगा।
बारिश से हुए नुकसान का मसला:
सत्र के पहले दिन ही विधायक चंद्र शेखर, केवल सिंह पठानिया, सुरेश कुमार और नीरज नैय्यर नियम 130 के अंतर्गत प्रदेश में भारी बरसात से हुए जानमाल और संपत्तियों के नुकसान का मुद्दा उठाएंगे। इसके साथ ही विधायक जीत राम कटवाल प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए एक सुदृढ़ और कारगर नीति तैयार करने का मामला उठाएंगे।
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