नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि असली हीरो मैदान के बाहर भी होते हैं। अपने आक्रामक खेल के लिए तो वे जाने ही जाते हैं, लेकिन इस बार उन्होंने मानवता की एक शानदार मिसाल पेश करते हुए कर्नाटक के एक छोटे से गांव की मेधावी छात्रा के सपनों को टूटने से बचाया है। पंत ने छात्रा की कॉलेज की फीस का भुगतान कर उसकी आगे की पढ़ाई का रास्ता साफ कर दिया है।
यह प्रेरणादायक कहानी कर्नाटक के बागलकोट जिले के बिलगी तालुक में स्थित रबकवी गांव की है। यहां की रहने वाली होनहार छात्रा ज्योति कणाबूर मठ ने 12वीं की परीक्षा में 83 प्रतिशत जैसे शानदार अंक हासिल किए थे। ज्योति का सपना बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन (BCA) की पढ़ाई कर अपना भविष्य संवारना था, लेकिन उसके सपनों के आड़े परिवार की कमजोर आर्थिक स्थिति आ गई।
ज्योति के पिता, तीर्थय्या, गांव में एक छोटी सी चाय की दुकान चलाकर किसी तरह परिवार का गुजारा करते हैं। उनके लिए बेटी की कॉलेज की मोटी फीस का इंतजाम कर पाना लगभग असंभव था। अपनी बेटी की पढ़ाई पर संकट के बादल मंडराते देख, परिवार ने गांव के ही एक स्थानीय ठेकेदार, अनिल हुनशिकट्टी से मदद की गुहार लगाई।
अनिल ने न केवल ज्योति और उसके परिवार को मदद का भरोसा दिलाया, बल्कि इस नेक काम के लिए बेंगलुरु में अपने दोस्तों से भी संपर्क साधा। इन्हीं दोस्तों के माध्यम से ज्योति की प्रतिभा और उसकी मजबूरी की कहानी भारतीय क्रिकेटर ऋषभ पंत तक पहुंची।
जैसे ही ऋषभ पंत को ज्योति की कठिन परिस्थितियों के बारे में पता चला, उन्होंने बिना कोई देर किए मदद का हाथ बढ़ाया। पंत ने 17 जुलाई को सीधे कॉलेज के बैंक खाते में 40,000 रुपये की राशि ट्रांसफर कर दी। इस पैसे से ज्योति के बीसीए के पहले सेमेस्टर की पूरी फीस का भुगतान हो गया और उसका कॉलेज में दाखिला सुनिश्चित हो गया।
इस अनपेक्षित मदद से भावुक ज्योति ने ऋषभ पंत का धन्यवाद करते हुए कहा, “बीसीए करना मेरा सपना था, लेकिन हमारी आर्थिक स्थिति ने मेरा रास्ता रोक दिया था। अनिल अन्ना (भाई) ने मेरे लिए पहल की और ऋषभ पंत सर तक मेरी बात पहुंचाई। उन्होंने मेरी मदद की, इसके लिए मैं हमेशा उनकी आभारी रहूंगी। ईश्वर उन्हें लंबी और स्वस्थ आयु प्रदान करें। मैं प्रार्थना करती हूं कि वह मेरी तरह ही अन्य जरूरतमंद छात्रों की भी मदद करते रहें।”
ऋषभ पंत के इस निस्वार्थ और नेक कार्य की सोशल मीडिया पर और देशभर में जमकर प्रशंसा हो रही है। उन्होंने यह साबित कर दिया है कि एक खिलाड़ी का कद केवल उसके खेल के आंकड़ों से नहीं, बल्कि समाज के प्रति उसकी संवेदनशीलता और योगदान से भी मापा जाता है।
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