चंडीगढ़। पंजाब में लोगों को सुरक्षित और स्वास्थ्यवर्धक भोजन सुनिश्चित करने की मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए, राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने बताया कि ‘फूड सेफ्टी ऑन व्हील्स’ पहल का विस्तार अब राज्य के सभी जिलों में कर दिया गया है और उन्होंने जनता से इस सुविधा का अधिक से अधिक लाभ उठाने का आग्रह किया।
यहां पंजाब भवन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, स्वास्थ्य मंत्री ने “जो सुरक्षित नहीं, वह भोजन नहीं” (if it’s not safe, it’s not food) के नारे के तहत इस पहल की जानकारी दी। इस अवसर पर उनके साथ स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव कुमार राहुल, खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) के आयुक्त दिलराज सिंह, लैब निदेशक रवनीत कौर और संयुक्त आयुक्त (खाद्य सुरक्षा) डॉ. अमित जोशी भी मौजूद थे।
क्या है ‘फूड सेफ्टी ऑन व्हील्स’?
‘फूड सेफ्टी ऑन व्हील्स’ दरअसल चलती-फिरती खाद्य जांच प्रयोगशालाएं (मोबाइल फूड टेस्टिंग वैन) हैं। ये वैन दूध, पनीर, पानी और दैनिक उपभोग की अन्य प्रमुख खाद्य वस्तुओं में मिलावट की मौके पर ही जांच करने के लिए आधुनिक उपकरणों से लैस हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “ये वैन खाद्य पदार्थों में मिलावट के खिलाफ हमारी लड़ाई में एक महत्वपूर्ण हथियार हैं। मैं प्रत्येक नागरिक से आग्रह करता हूं कि वे अपने खाद्य पदार्थों की जांच अवश्य कराएं।”
मिलावटखोरों पर सरकार का शिकंजा
डॉ. बलबीर सिंह ने बताया कि जब से मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली सरकार सत्ता में आई है, विभाग द्वारा कुल 18,559 प्रवर्तन नमूने (enforcement samples) और 12,178 निगरानी नमूने (surveillance samples) लिए गए हैं। उन्होंने आगे कहा कि ‘फूड सेफ्टी ऑन व्हील्स’ वैन के माध्यम से अब तक 13,000 से अधिक नमूनों की मिलावट की जांच की जा चुकी है, जिनमें मुख्य रूप से पनीर, घी, दूध, मसाले, फल-सब्जियां, मिठाइयां और खोया शामिल हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने खाद्य मिलावट पर जीरो टॉलरेंस की नीति को दोहराते हुए कहा कि ऐसी गतिविधियों में लिप्त किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि पिछले पांच वर्षों में मिलावट के 145 मामलों में माननीय न्यायालय द्वारा दोषियों को छह महीने तक की कैद और जुर्माना लगाया गया है।
अधिकारियों को निर्देश और जागरूकता अभियान
मंत्री ने एफडीए अधिकारियों को इन फूड सेफ्टी वैन का पूरी क्षमता से उपयोग करने और विशेष रूप से छात्रों के बीच बड़े पैमाने पर जागरूकता पैदा करने का निर्देश दिया। उन्होंने “शुद्ध अन्न से ही शुद्ध मन और स्वस्थ तन” पर जोर देते हुए अधिकारियों को पूरी पारदर्शिता से काम करने को कहा।
इसके अलावा, अब तक 3.17 लाख खाद्य व्यवसाय संचालकों (FBOs) को लाइसेंस और पंजीकरण जारी किए जा चुके हैं। मंत्री ने सभी FBOs, जिनमें स्ट्रीट फूड वेंडर भी शामिल हैं, से FDA के साथ पंजीकरण कराने का आग्रह किया। विभाग द्वारा अब तक लगभग 500 जागरूकता शिविर लगाए गए हैं, जिनमें 55,000 से अधिक लोगों को स्वच्छता और खाद्य सुरक्षा प्रथाओं के बारे में प्रशिक्षित किया गया है। अंत में, उन्होंने पंजाबियों से “सही खाएं, स्वस्थ रहें” के दृष्टिकोण को अपनाने और एक स्वस्थ पंजाब के निर्माण में योगदान देने की अपील की।
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