देहरादून। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में आई भीषण प्राकृतिक आपदा के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को खुद मोर्चा संभाल लिया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, मुख्यमंत्री तत्काल आपदा प्रभावित क्षेत्र धराली पहुंचे और हवाई सर्वेक्षण कर नुकसान का जायजा लिया। इसके बाद उन्होंने उत्तरकाशी स्थित जिला आपदा नियंत्रण कक्ष से राहत एवं बचाव कार्यों की गहन समीक्षा की और अधिकारियों को युद्धस्तर पर काम करने के निर्देश दिए।
बुधवार सुबह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सबसे पहले आपदा प्रभावित धराली क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण किया। हेलीकॉप्टर से उन्होंने भूस्खलन, अवरुद्ध मार्गों और आपदा से हुए नुकसान का जायजा लिया। हवाई जायजे के बाद, मुख्यमंत्री सीधे उत्तरकाशी स्थित जिला आपदा नियंत्रण कक्ष पहुंचे, जहां उन्होंने प्रदेश के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों, जिला प्रशासन और सेना के प्रतिनिधियों के साथ एक उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठक की। बैठक में मुख्यमंत्री ने स्थिति की वस्तुनिष्ठ जानकारी प्राप्त की और राहत कार्यों में किसी भी प्रकार की देरी न करने के कड़े निर्देश दिए।
राहत एवं बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि प्रभावितों के लिए भोजन, शुद्ध पेयजल, दवाइयां और अन्य आवश्यक सामग्री की कोई कमी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए रेस्क्यू कैंप और घायलों के तत्काल इलाज के लिए मेडिकल कैंप स्थापित कर दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि राहत एवं बचाव कार्य युद्धस्तर पर प्रारम्भ कर दिए गए हैं और सरकार का एकमात्र लक्ष्य हर प्रभावित व्यक्ति तक तत्काल सहायता पहुंचाना है।
सेना और वायुसेना अलर्ट पर
आपदा की इस घड़ी में राहत कार्यों को बल देने के लिए भारतीय वायुसेना को भी अलर्ट पर रखा गया है। मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि भारतीय वायुसेना के शक्तिशाली चिनूक और एमआई-17 हेलीकॉप्टर पूरी तरह से तैयार स्थिति में हैं, ताकि आवश्यकता पड़ने पर तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके। ये हेलीकॉप्टर भारी सामान, राहत सामग्री, मशीनों और बचाव दलों को दुर्गम क्षेत्रों तक पहुंचाने में सक्षम हैं, जिससे राहत कार्यों को और गति मिलेगी।
बैठक के समापन पर, मुख्यमंत्री धामी ने एक बार फिर दोहराया कि प्रदेश सरकार इस मुश्किल समय में हर प्रभावित नागरिक के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा, “प्रदेश सरकार राहत कार्यों को प्राथमिकता देते हुए प्रत्येक प्रभावित नागरिक तक सहायता पहुँचाने हेतु कटिबद्ध है। किसी को भी अकेला महसूस नहीं करने दिया जाएगा।” प्रशासन और बचाव दल चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं ताकि स्थिति को जल्द से जल्द सामान्य किया जा सके और प्रभावितों को हर संभव मदद मुहैया कराई जा सके।
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