लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मानसून की विनाशकारी बारिश और नदियों के उफान ने प्रलयंकारी रूप ले लिया है। प्रदेश में बाढ़ का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है और इसका प्रकोप अब 24 जिलों तक फैल गया है। मंगलवार को यमुना नदी के रौद्र रूप के कारण औरैया और आगरा के कई ग्रामीण इलाकों में भी बाढ़ का पानी घुस गया, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई है। राज्य के कुल 24 जिले, 59 तहसीलें और 1245 गांव इस विनाशकारी बाढ़ की चपेट में हैं, जिससे लाखों लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
बाढ़ की भयावह स्थिति को देखते हुए, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद मोर्चा संभाल लिया है। उन्होंने मंगलवार को नए प्रभावित जिलों औरैया और आगरा का हवाई सर्वेक्षण कर स्थिति का जायजा लिया। औरैया में उतरकर उन्होंने स्थानीय प्रशासन के साथ समीक्षा बैठक की और अधिकारियों को राहत कार्यों में किसी भी तरह की कोताही न बरतने के सख्त निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि आपदा प्रभावित हर व्यक्ति तक तत्काल सहायता पहुंचाई जाए और उनके लिए भोजन, पानी, दवा और अस्थायी आवास की सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं।
मुख्यमंत्री के साथ-साथ राज्य सरकार के मंत्री भी प्रभावित क्षेत्रों में सक्रिय हैं। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने प्रयागराज में बाढ़ राहत शिविरों का दौरा कर प्रभावित लोगों से मुलाकात की और उनकी समस्याएं सुनीं। उन्होंने प्रयागराज और कौशांबी में जल निकासी और स्वच्छता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। वहीं, ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने भदोही पहुंचकर बाढ़ में जान गंवाने वाले पांच लोगों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता के चेक सौंपे। इसी तरह, वाराणसी के प्रभारी मंत्री सुरेश खन्ना और कैबिनेट मंत्री नंदगोपाल गुप्ता नंदी ने भी क्रमशः वाराणसी और मीरजापुर में राहत कार्यों का निरीक्षण किया और अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठकें कीं।
मंगलवार देर शाम तक जारी आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश का कुल 33,252 हेक्टेयर क्षेत्रफल बाढ़ के पानी में डूबा हुआ है, जिससे 2,06,910 लोग सीधे तौर पर प्रभावित हुए हैं। प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए अब तक 41,802 लोगों को बाढ़ शरणालयों में पहुंचाया है, जबकि 50,491 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है। इस आपदा में अब तक 517 मकान क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, जिनमें से 360 परिवारों को मदद पहुंचाई जा चुकी है। राहत और बचाव कार्यों में लगी टीमों ने 26,000 से अधिक मवेशियों को भी अब तक बचाया है।
बाढ़ से ये जिले हैं प्रभावित:
बिजनौर, बहराइच, लखीमपुर खीरी, गोंडा, भदोही, चंदौली, चित्रकूट, इटावा, फर्रुखाबाद, फतेहपुर, गाजीपुर, गोरखपुर, हमीरपुर, जालौन, कानपुर नगर, कानपुर देहात, कासगंज, मीरजापुर, प्रयागराज, बलिया, बांदा, वाराणसी, आगरा, और औरैया।