Russia: रक्षा क्षेत्र में रूस का बड़ा कीर्तिमान, छात्रों ने बनाया दुनिया का पहला एंटी-ड्रोन ट्रेनिंग सिम्युलेटर

मॉस्को। रूस ने रक्षा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है, जो आधुनिक युद्ध की चुनौतियों का सामना करने में गेम-चेंजर साबित हो सकती है। रूस के दक्षिणी संघीय विश्वविद्यालय (SFU) के प्रतिभाशाली छात्रों ने दुनिया का पहला ऐसा प्रशिक्षण प्लेटफॉर्म सिम्युलेटर विकसित किया है, जो सैनिकों को एंटी-ड्रोन राइफल्स और ड्रोन डिटेक्शन सिस्टम को चलाने में विशेषज्ञ बनाएगा। यह नवाचार रूसी सेना को ड्रोन के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए एक प्रभावी और सुरक्षित प्रशिक्षण उपकरण प्रदान करेगा।

यह सिम्युलेटर असल में एक उन्नत वर्चुअल रियलिटी (VR) प्लेटफॉर्म है, जो एक अति-यथार्थवादी युद्ध का माहौल तैयार करता है। इसे बनाने के लिए अत्याधुनिक गेम इंजन का इस्तेमाल किया गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य प्रशिक्षण को इतना वास्तविक बनाना है कि सैनिक असली युद्ध जैसी परिस्थितियों का अनुभव कर सकें। इस वर्चुअल युद्ध के मैदान में, प्रशिक्षु सैनिक यह सीखते हैं कि दुश्मन के ड्रोन का पता कैसे लगाया जाए और एंटी-ड्रोन गन का इस्तेमाल करके उसे कैसे निष्क्रिय किया जाए। यह सिम्युलेटर उन्हें ड्रोन को ट्रैक करने, निशाना साधने और मार गिराने की पूरी प्रक्रिया का अभ्यास करने का अवसर देता है।

इस सिम्युलेटर के प्रमुख लाभ:

इस क्रांतिकारी प्रशिक्षण प्रणाली के कई रणनीतिक फायदे हैं, जो सैनिकों के कौशल और क्षमता को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे:

  1. वास्तविक युद्ध कौशल का विकास: यह सैनिकों को केवल सैद्धांतिक ज्ञान नहीं देता, बल्कि उन्हें वास्तविक युद्ध में काम आने वाले व्यावहारिक कौशल सिखाता है।

  2. तकनीकी निपुणता: सैनिक एंटी-ड्रोन राइफल और डिटेक्शन सिस्टम जैसे जटिल उपकरणों का सही और प्रभावी ढंग से उपयोग करना सीखते हैं, जिससे मैदान में उनकी सटीकता बढ़ती है।

  3. तनाव में बेहतर निर्णय क्षमता: सिम्युलेटर युद्ध के तनावपूर्ण माहौल को दोहराता है, जिससे सैनिकों को दबाव में शांत रहकर त्वरित और सही निर्णय लेने की क्षमता विकसित करने में मदद मिलती है।

  4. सुरक्षित और किफायती प्रशिक्षण: वर्चुअल ट्रेनिंग होने के कारण यह सैनिकों के लिए पूरी तरह सुरक्षित है और महंगे उपकरणों तथा गोला-बारूद की बर्बादी को भी रोकता है, जिससे प्रशिक्षण की लागत काफी कम हो जाती है।

सिर्फ प्रैक्टिकल नहीं, थ्योरी भी शामिल

यह प्रशिक्षण प्रणाली सिर्फ एक सिमुलेशन गेम तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक संपूर्ण प्रशिक्षण मॉड्यूल है। इसमें व्यावहारिक अभ्यास के साथ-साथ एक सैद्धांतिक हिस्सा भी शामिल है। प्रशिक्षण के अंत में सैनिकों का एक टेस्ट लिया जाएगा, जिसमें उनकी समझ और कौशल दोनों का मूल्यांकन किया जाएगा। इस दौरान वीडियो ट्यूटोरियल और सिमुलेशन के माध्यम से उन्हें सिखाया जाएगा कि कैसे कम से कम समय में दुश्मन की रणनीति को समझकर सही फैसला लेना है।

यह कीर्तिमान रूस को ड्रोन और एंटी-ड्रोन युद्ध की तैयारी में अन्य देशों से एक कदम आगे रखता है और यह दर्शाता है कि भविष्य के युद्धों के लिए प्रशिक्षण के तरीके कैसे बदल रहे हैं।

 

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