नई दिल्ली/इस्लामाबाद। पड़ोसी देश पाकिस्तान इस समय विनाशकारी बाढ़ की चपेट में है, जिसने देश के कई हिस्सों में भारी तबाही मचाई है। जून के अंत से जारी मूसलाधार बारिश और उसके बाद आई बाढ़ ने अब तक 299 लोगों की जान ले ली है, जबकि 700 से अधिक लोग घायल हुए हैं। यह आपदा और भी दर्दनाक इसलिए हो गई है क्योंकि मृतकों में 140 मासूम बच्चे शामिल हैं। पाकिस्तान के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने इन आंकड़ों की पुष्टि करते हुए बताया कि देश एक गंभीर मानवीय संकट का सामना कर रहा है।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स, जिनमें प्रमुख समाचार पत्र ‘द डॉन’ भी शामिल है, के अनुसार बाढ़ का पानी शहरों और गांवों में घुस गया है, जिससे तबाही का मंजर दिखाई दे रहा है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इस भीषण आपदा में 1,676 से अधिक घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें से 562 घर पूरी तरह से जमींदोज हो गए हैं, जबकि 1,114 घरों को आंशिक रूप से नुकसान पहुंचा है। इस आपदा का असर सिर्फ इंसानों पर ही नहीं, बल्कि मवेशियों पर भी पड़ा है और 400 से अधिक पशुओं की भी मौत हो चुकी है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका का संकट और गहरा गया है।
इस विनाशकारी स्थिति के बीच, एनडीएमए और अन्य बचाव दल राहत कार्यों में दिन-रात जुटे हुए हैं। प्राधिकरण ने जानकारी दी है कि अब तक बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 223 बचाव अभियान चलाए गए हैं, जिनके माध्यम से 2,880 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। प्रभावित लोगों तक तत्काल मदद पहुंचाने के लिए बड़े पैमाने पर राहत सामग्री का वितरण किया जा रहा है। अब तक 13,400 से अधिक आवश्यक वस्तुएं बांटी जा चुकी हैं, जिनमें 2,000 टेंट, 958 कंबल, 569 रजाईयां, 613 गद्दे और 1,100 से ज्यादा खाने के पैकेट शामिल हैं, ताकि विस्थापित हुए लोगों को तत्काल आश्रय और भोजन मिल सके।
हालांकि, कई इलाकों में स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है और बाढ़ का कहर जारी है, जिससे बचाव कार्यों में बाधा आ रही है। इस बीच, पाकिस्तान के मौसम विभाग ने चिंता और बढ़ा दी है। विभाग ने पूर्वानुमान जताया है कि 4 से 6 अगस्त के बीच देश के उत्तरी क्षेत्रों में और अधिक बारिश हो सकती है, जिससे बाढ़ की स्थिति और भी भयावह होने की आशंका है। सरकार और बचाव एजेंसियां इस दोहरी चुनौती से निपटने के लिए तैयार हैं, लेकिन लगातार हो रही बारिश से संकट गहराता जा रहा है।
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