लाहौर/इस्लामाबाद।
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने जेल से ही देश के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर पर अब तक का सबसे तीखा और सीधा हमला बोला है। उन्होंने मुनीर पर सत्ता पर अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए सेना को अपमानित करने और राष्ट्रीय हितों की बलि चढ़ाने का गंभीर आरोप लगाया है। हाल ही में एक इंटरनेट मीडिया पोस्ट के माध्यम से जारी किए गए इस बयान ने पाकिस्तान की राजनीति में भूचाल ला दिया है।
अपने बयान में इमरान खान ने आरोप लगाया कि देश इस समय ‘मुनीर के कानून’ के तहत चल रहा है और खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) उन्हें पूरा संरक्षण दे रही है। उन्होंने कहा, “वह (मुनीर) सत्ता पर अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए हर राष्ट्रीय हित की बलि देने को तैयार हैं।”
इमरान खान ने अपने हमले को और तीखा करते हुए जनरल मुनीर की तुलना पूर्व सैन्य शासक जनरल याह्या खान से की, जिसका शासनकाल पाकिस्तान के इतिहास का सबसे काला अध्याय माना जाता है। उन्होंने कहा, “आसिम मुनीर सेना का अपमान ठीक वैसे ही कर रहे हैं जैसे याह्या खान ने कभी किया था।” गौरतलब है कि जनरल याह्या खान के ही शासन में पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में गृहयुद्ध छिड़ा था, जिसके परिणामस्वरूप पाकिस्तान का रक्तरंजित विभाजन हुआ और बांग्लादेश का उदय हुआ। यह तुलना पाकिस्तान के सैन्य प्रतिष्ठान पर एक बहुत बड़ा आक्षेप है।
इमरान खान का यह विस्फोटक बयान ऐसे समय में आया है जब उनकी पार्टी, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI), अगले महीने से सरकार के खिलाफ एक बड़े राष्ट्रव्यापी अभियान की तैयारी कर रही है। इस बयान को उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं में जोश भरने और सैन्य प्रतिष्ठान के खिलाफ माहौल बनाने की एक रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। उन्होंने मौजूदा शहबाज शरीफ सरकार को पूरी तरह अवैध बताते हुए कहा कि इस समय सीनेट, नेशनल असेंबली, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति, सभी असंवैधानिक हैं।
इसी बीच, पाकिस्तान की मौजूदा सरकार की मुश्किलें एक और मोर्चे पर बढ़ गई हैं। पाकिस्तान के एक पूर्व मुख्य न्यायाधीश जवाद एस. ख्वाजा ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अदालत की अवमानना याचिका दायर की है। अपनी याचिका में उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 7 मई को सैन्य अदालतों द्वारा नागरिकों पर मुकदमा चलाने को अवैध घोषित करते हुए सरकार को 45 दिनों के भीतर कानून बनाने का निर्देश दिया था, ताकि इन नागरिकों को उच्च न्यायालय में अपील का अधिकार मिल सके। सरकार के ऐसा करने में विफल रहने पर यह अवमानना याचिका दायर की गई है, जो सरकार की कानूनी वैधता पर और सवाल खड़े करती है।
Pls read:Pakistan: पाकिस्तान में जाफर एक्सप्रेस फिर निशाना बनी, धमाके से तीन डिब्बे पटरी से उतरे