Uttarakhand: हेली और हवाई सेवाओं से सीमांत क्षेत्रों को मिली नई उड़ान

देहरादून।

अब दिल्ली से उत्तराखंड के सीमांत जिले पिथौरागढ़ में स्थित आदि कैलास के दर्शन करना दिनों का लंबा और थकाऊ सफर नहीं रहा। हवाई सेवाओं के विस्तार के चलते अब यह यात्रा कुछ ही घंटों में पूरी हो जाती है, जिससे न केवल पर्यटकों का समय बच रहा है, बल्कि पिथौरागढ़ जैसे दूरस्थ क्षेत्रों को भी वैश्विक पहचान मिल रही है। यह महज एक उदाहरण है; प्रदेश में हेली और हवाई सेवाओं के अभूतपूर्व विकास ने उत्तराखंड के कई दुर्गम और खूबसूरत पर्यटन स्थलों तक पहुंच को बेहद आसान बना दिया है।

यह संभव हुआ है केंद्र सरकार की ‘क्षेत्रीय संपर्क योजना’ (उड़ान) और राज्य सरकार की ‘उत्तराखंड हवाई संपर्क योजना’ के सफल क्रियान्वयन से। पारंपरिक रूप से उत्तराखंड में सड़क मार्ग ही आवागमन का मुख्य साधन रहा है, जो अक्सर वर्षाकाल या आपदा के समय भूस्खलन के कारण बाधित हो जाता है। लेकिन अब हवाई सेवाओं के विस्तार ने न केवल पर्यटन को नई गति दी है, बल्कि राज्य के प्रमुख स्थलों को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर भी स्थापित किया है।

केदारनाथ हेली सेवा की बढ़ती लोकप्रियता

हेली सेवाओं की बढ़ती लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले वर्ष 1.25 लाख श्रद्धालुओं ने हेलीकॉप्टर के जरिये केदारनाथ धाम के दर्शन किए थे। इस वर्ष भी यह सिलसिला जारी है और अब तक लगभग 56 हजार श्रद्धालु इस सुविधा का लाभ उठा चुके हैं। चारधाम यात्रा के दौरान सोनप्रयाग, सिरसी और फाटा के नौ हेलीपैड से केदारनाथ के लिए नियमित सेवाएं संचालित की जाती हैं, और अब गरुड़ चट्टी में भी एक नया हेलीपैड प्रस्तावित है।

राज्य में हवाई सेवाओं का विस्तृत नेटवर्क

प्रदेश में केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से कई हवाई और हेली सेवाएं संचालित हो रही हैं:

  • उत्तराखंड हवाई संपर्क योजना (राज्य सरकार): इसके तहत दिल्ली से पिथौरागढ़ के बीच सप्ताह में तीन दिन हवाई सेवा तथा देहरादून से मसूरी, गौचर, पौड़ी व श्रीनगर के लिए हेली सेवाएं चल रही हैं।

  • क्षेत्रीय संपर्क योजना (केंद्र सरकार): इस योजना के तहत देहरादून से पिथौरागढ़ व पिथौरागढ़ से पंतनगर के बीच हवाई सेवाएं संचालित हैं। साथ ही, हल्द्वानी से मुनस्यारी, चंपावत, पिथौरागढ़ और बागेश्वर तथा देहरादून से नैनीताल व बागेश्वर के बीच हेली सेवाएं उपलब्ध हैं।

भविष्य की महत्वाकांक्षी योजनाएं

राज्य सरकार उत्तराखंड को हवाई संपर्क के मामले में और मजबूत करने की दिशा में काम कर रही है। पंतनगर और देहरादून के जौलीग्रांट हवाई अड्डों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विकसित करने के लिए केंद्र सरकार से संपर्क किया गया है। इसके अलावा, भविष्य की योजनाओं में शामिल हैं:

  • चारों धामों के लिए ‘चारधाम हेली चार्टर्ड सर्विस’ शुरू करना।

  • देहरादून से जोशीमठ और जोशीमठ से बदरीनाथ के लिए शटल हेली सेवा।

  • पंतनगर में एक वायुयान और हेलीकॉप्टर ट्रेनिंग स्कूल की स्थापना।

  • गौचर और चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टियों से नियमित वायुयान सेवा शुरू करना।

राज्य में 130 से अधिक हेलीपैड का नेटवर्क इस पूरी योजना की रीढ़ है, जो न केवल पर्यटन को बढ़ावा दे रहा है, बल्कि आपदा के समय एक जीवन रेखा के रूप में भी काम कर रहा है।

 

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