शिमला।
हिमाचल प्रदेश में बीती रात से हो रही मूसलाधार बारिश ने भारी तबाही मचाई है, जिससे सामान्य जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। चंबा, कांगड़ा और मंडी जिले बारिश से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं, जहां सड़कें, बिजली और पानी की आपूर्ति ठप पड़ गई है। राज्य भर में भूस्खलन और बारिश के कारण 343 सड़कें बंद हो गई हैं, 551 बिजली ट्रांसफार्मर ठप हैं और 186 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं।
मौसम विभाग की चेतावनी, बारिश का कहर जारी
मौसम विभाग ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए आज भी प्रदेश के अधिकांश हिस्सों के लिए भारी से बहुत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा, 31 जुलाई से 5 अगस्त तक कुछ इलाकों में भारी बारिश का येलो अलर्ट भी जारी किया गया है। बारिश की तीव्रता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि चम्बा के भटियात में सर्वाधिक 182 मिलीमीटर, जबकि कांगड़ा के पालमपुर में 157 और कांगड़ा शहर में 115 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।
जिलों में तबाही का मंजर
बारिश का सबसे ज्यादा असर चंबा, कुल्लू और मंडी जिलों में देखने को मिला है। अकेले चंबा में 279 बिजली ट्रांसफार्मर खराब हो गए हैं, जिससे कई इलाके अंधेरे में डूब गए हैं। मंडी जिले में सबसे ज्यादा 217 सड़कें बंद हैं, जबकि चंबा में 53 और कुल्लू में 47 सड़कें अवरुद्ध हैं। कुल्लू और मनाली में ब्यास नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब है, और प्रशासन ने पंडोह बांध से अतिरिक्त पानी छोड़े जाने की चेतावनी देते हुए लोगों को नदी-नालों से दूर रहने की सलाह दी है। खराब मौसम और असुरक्षित मार्ग के कारण प्रतिष्ठित किन्नर कैलाश यात्रा को भी अगले आदेश तक स्थगित कर दिया गया है।
आपदा में अब तक 170 लोगों की मौत
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, इस मानसून सीजन में 20 जून से अब तक विभिन्न आपदाओं में 170 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 278 लोग घायल हुए हैं और 36 अब भी लापता हैं। सबसे ज्यादा 35 मौतें मंडी जिले में हुई हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, 103 मौतें सीधे तौर पर भूस्खलन, बादल फटने और आकस्मिक बाढ़ की घटनाओं के कारण हुई हैं। अब तक राज्य में 43 बार आकस्मिक बाढ़, 26 बार बादल फटने और 34 बार भूस्खलन की घटनाएं दर्ज की जा चुकी हैं।
1500 करोड़ से ज्यादा का आर्थिक नुकसान
इस प्राकृतिक आपदा से राज्य को अब तक 1538 करोड़ रुपये से अधिक का भारी आर्थिक नुकसान हो चुका है। इसमें लोक निर्माण विभाग को 780 करोड़ और जलशक्ति विभाग को 513 करोड़ रुपये की क्षति हुई है। इसके अलावा, 1352 घरों को नुकसान पहुंचा है, जिनमें से 469 घर पूरी तरह तबाह हो गए हैं। प्रशासन और एनडीआरएफ की टीमें राहत एवं बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं, लेकिन लगातार हो रही बारिश से इसमें काफी मुश्किलें आ रही हैं।
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