Uttarakhand: उपनल के जरिये अब आम युवाओं को भी विदेश में मिलेगी नौकरी, 50% कोटा तय

देहरादून। उत्तराखंड के युवाओं के लिए विदेश में नौकरी का एक नया और बड़ा दरवाजा खुल गया है। अब तक केवल पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों को रोजगार देने वाले उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम (उपनल) के माध्यम से अब गैर-सैन्य पृष्ठभूमि के लोगों की भी भर्ती हो सकेगी। यह भर्ती केवल विदेशों में उपलब्ध नौकरियों के लिए होगी, जिसमें 50 प्रतिशत पद आम युवाओं के लिए आरक्षित किए जाएंगे।

यह महत्वपूर्ण निर्णय सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी की अध्यक्षता में लिया गया। उन्होंने बताया कि यह कदम विदेशों में तकनीकी रूप से दक्ष लोगों की बढ़ती मांग को देखते हुए उठाया गया है। मंत्री के अनुसार, “विदेशों में तकनीकी रूप से दक्ष लोगों की अधिक मांग है, जबकि मांग के अनुरूप तकनीकी रूप से दक्ष पूर्व सैनिक नहीं मिल पाते हैं।” इसी कमी को पूरा करने और राज्य के अन्य प्रतिभाशाली युवाओं को अवसर प्रदान करने के लिए उपनल के माध्यम से भर्ती का यह रास्ता खोला जा रहा है।

केवल विदेश में नौकरी के लिए मिलेगी छूट

मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि यह छूट केवल विदेश में नौकरियों के लिए है। उत्तराखंड या देश के अन्य राज्यों में उपनल के माध्यम से गैर-सैन्य पृष्ठभूमि के लोगों की भर्ती पर लगा प्रतिबंध पहले की तरह जारी रहेगा। उपनल के निदेशक, ब्रिगेडियर जेएनएस बिष्ट (सेवानिवृत्त) ने भी पुष्टि की कि 31 मार्च, 2022 से गैर-सैनिकों की भर्ती पर लगी रोक केवल विदेशों में रोजगार के मामले में ही हटेगी।

क्यों पड़ी इस फैसले की जरूरत?

उपनल का गठन 2004 में पूर्व सैनिकों एवं उनके आश्रितों को विभिन्न सरकारी विभागों में रोजगार देने के उद्देश्य से किया गया था। हालांकि, समय-समय पर इसमें गैर-सैन्य पृष्ठभूमि के लोगों को भी भर्ती किया गया, जिस पर भाई-भतीजावाद और रसूखदारों को नौकरी देने के आरोप लगे। इन्हीं शिकायतों के बाद 31 मार्च, 2022 से उपनल में आम लोगों की भर्ती पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई थी। अब, विदेशी मांग को देखते हुए इस नियम में आंशिक संशोधन किया गया है।

पुरकुल में बनेगा निदेशालय, 1000 लोगों की मांग

सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी के अनुसार, फिलहाल विदेशों में नौकरी के लिए एक हजार लोगों की मांग है और यह मांग भविष्य में और भी बढ़ सकती है। उन्होंने यह भी बताया कि उपनल का नया निदेशालय भवन पुरकुल में बनाया जाएगा, जिसके लिए सैनिक कल्याण विभाग से पांच बीघा जमीन भी मिल गई है। इस भवन के तैयार हो जाने के बाद भर्ती प्रक्रिया को व्यवस्थित रूप से शुरू किया जाएगा। यह कदम न केवल राज्य के तकनीकी रूप से दक्ष युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करेगा, बल्कि विदेशों में कुशल मानव-शक्ति की मांग को भी पूरा करने में सहायक होगा।

 

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